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Thursday, June 29, 2017

01 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किये जाने की प्रभावी तिथि नियत की गयी

01 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किये जाने की प्रभावी तिथि नियत की गयी

अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
शाहजहाँपुर। प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी श्री टी0के0शिबु ने आज प्रेसवार्ता कर  गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स इंटीग्रेटेड, इंडायरेक्ट टैक्स (अप्रत्यक्ष कर) के विषय में विस्तृत रूप से अवगत कराया है। उन्होंने बताया कि  जो माल या सेवाओं अथवा माल व सेवाओं दोनों की आपूर्ति पर लगने वाला कर हैैै। वर्तमान में निम्नलिखित माल (गुड्स) को जी0एस0टी0 के दायरे से फिलहाल बाहर रखा गया है। मानव उपभोग के लिए मादक शराब, पेट्रोलियम कच्चा माल, पेट्रोल, नेचुरल गैस, विमानन टरवाइन ईंधन वर्तमान में कई प्रकार के इंडायरेक्ट टैक्स लगाये गये जा रहे थे तथा व्यापारियों को एक कार्य के लिए अलग-अलग रिटर्न अलग-अलग कार्योलयों में रिटर्न एवं टैक्स जमा करना होता था। प्रत्येक राज्य के मूल्य सम्बन्धित कर में अलग-अलग प्रावधान था तथा कर दी दरों में भी व्यापक स्तर पर विसंगतियां थीं, जिससे व्यापारियों में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा का अवसर उपलब्ध नहीं हो पाता था तथा कामन नेशलन मार्केट एवं ईज आॅफ ड्रइंग बिजनेस की मंशा पूर्ण नहीं हो पा रही थी तथा टैक्स के ऊपर भी टैक्स लग जाता था। उदाहरण स्वरूप एक्साइज ड्यूटी पर भी वैट देना पड़ता था तथा अंतर प्रान्तीय खरीद करने वाले व्यापारी जो सीएसटी देकर आते थे उसका कोई लाभ प्रान्त के व्यापारी को नहीं मिल पाता था, जिस कारण कैश क्रेडिट इफेक्ट हो जाता था। इन समस्याओं के समाधान हेतु तथा पूरे देश में कर की दर में एकरूपता लाने हेतु जीएसटी लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। सर्वप्रथम भारत में जीएसटी लागू करने की बात 2006 में आयी थी, किन्तु इस सम्बन्ध में आवश्यक संविधान संशोधित 2016 में पारित हो सका, जिसके क्रम 01 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किये जाने की प्रभावी तिथि नियत की गयी है। जीएसटी में 17 प्रकार के इंडायरेक्टए करों को समाहित किया गया है एजिसमें मुख्ये रूप से केन्द्री य उत्पाकद शुल्कर ए सर्विस टैक्सर एमूल्यट संवर्धित कर एप्रवेश करए केन्द्री य बिक्री करएमनोरंजन कर एलक्जकरी टैक्सर एपरचेज टैक्से एएडीशनल एक्सायइज ड्यूटी एएडीशनल कस्ट्म ड्यूटी  व सभी प्रकार के सेस ए सैट आदि सभी करों को जीएसटी में सम्मिलति ि‍कया गया है । जीएसटी लागू होने से व्याीपारी को मुख्यी लाभ यह होगा कि अंतर प्रांतीय खरीद पर भी आईटीसी दिये जाने का प्रावधान है । इससे कैश क्रेडिंग इफेक्टर समाप्तर होगा तथा आल इण्डिया आईटीसी का लाभ मिलने से माल की लागत को कम करेगा दूसरी तरफ यह कॉमन नेशनल मार्केट के डेवलप का मार्ग प्रशस्ती करेगा एवं कार्यालय के चक्क र नहीं लगाने पडेंगे तथा इसमें असेसमेंट का प्रावधान केवल 5 प्रतिशत रखा गया हैएजिसका चयन रेंडम आधार पर कम्यूतथा टर द्वारा किया जाएगा । शेष 95 प्रतिशत   व्यामपारियों  का  रिटर्न  उनके  द्वारा  घोषित  किये  गये  विवरण को मान्य ता दी जाएगी। सभी प्रकार के फार्मो से छुटकारा मिलेगा। जीएसटी या वैट 160 से अधिक देशों में लागू है । कुल मिलाकर अब वैट इतिहास बन जाएगा और वह अधिक परिष्कृकत होकर जीएसटी के रूप में जारी रहेगा । जीएसटी में 20 लाख से कम टर्नओवर वाले व्या पारियों को पंजीयन के दायरे से बाहर रखा गया है और उनको पंजीयन लेना आवश्य0क नहीं है । जीएसटी को आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है  । इससे जीडीपी में 01 से 02 प्रतिशत तक वृद्वि होना सम्भा वित है । जीडीपी में वृद्वि केवल जीएसटी लगने से अपेक्षित नहीं हैएबल्कि जीएसटी में वैट में जो अब तक अनऑर्गनाइज्डज सेक्टजर के रूप में थे ए जीएसटी में ऑर्गनाइज सेक्ट र के रूप में बढ़ेगें एजिस कारण जीडीपी में वृद्वि अपेक्षित है । दुनिया भर में सबसे पहले जीएसटी लागू  करने वाला देश फ्रांस था । हालांकि वैट का सबसे पहले विचार जर्मनी में 1920 के दशक में आया था । इस तरह फ्रांस 1954 में वैट लागू करने वाला दुनिया का पहला देश बना था । कर सुधार समय की मांग है एजिसका परिष्कृ त रूप जीएसटी के रूप में है । प्रांत के भीतर बिक्री करने वाले सालाना 75 लाख तक के टर्नओवर वाले व्यावपारियों के लिये कम्पोेजीशन स्कीाम उपलब्ध  हैए जिसे वैट में लागू सामान्यह समाधान योजना से व्याापाक बनाया गया है । पहले के समाधान योजना अपनाने वाले व्याूपारी प्रांत बाहरसे खरीद नहीं कर सकते थेएकिंतु अब प्रान्तय बाहर से खरीद करने पर कोई बंदिश नहीं है । पहले 50 लाख तक टर्नओवर वाले व्याीपारियों के लिये समाधान योजना उपलब्धह थी एजिसे जीएसटी में 75 लाख तक के टर्नओवर वाले व्याकपारी भी समाधान योजना अपनाने के पात्र होंगे । समाधान योजना अपनाने व्यातपारियों को 4 त्रैमासिक रिटर्न व 01 वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा समाधान अपनाने वाले व्यावपारियों के टर्नओवर की गणना कुल बिक्री से है एचाहे वह करयोग्यर  हो या  रमुक्तन  ।  सकल  टर्नओवर  पर  ट्रेडर्स  की  दशा में  1  प्रतिशतए  मैन्यूीफैक्च रर की दशा में 2 प्रतिशत तथा कुक्डे फूड की दशा में 5 प्रतिशत समाधान शुल्के रखा गया है । प्रदेश के लगभग पौने तीन लाख व्याथपारी 20 से 75 लाख टर्नओवर के दायरे में होने के कारण समाधान की श्रेणी में आ जाएगे । अब तक वैट में 25 लाख से अधिक टर्नओवर वाले सभी व्यानपारियों को ई. रिटर्न दाखिल करना होता था एजो  अब जीएसटी में समाधान योजना न अपनाने वाले व्याभपारियों के लिये मासिक रिटर्न तथा एक वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा । इस प्रकार 25 लाख टर्नओवर वाले  तथा समाधान योजना न अपनाने वाले व्याटपारी भी मासिक आन लाइन रिटर्न दाखिल कर रहे थे जिसे जीएसटी में 20 लाख रूपये कर दिया गया है । जीएसटी लागू होने पर जो पहला रिटर्न 20 जुलाई तक फाइल करनाथा उसके लिये भी 2 महीने की छूट है यानी पहला रिटर्न अब 20 सितम्बलर तक दाखिल करना होगा । व्या पारियों के लिये आकस्मिक दुर्घटना मृत्‍यु पर 4 लाख की निशुल्को बीमा योजना जीएसटीमें भी जारी रहेगी । जीएसटी लागू करने का एक उदण्देश्यृ भ्रष्टा चार पर अंकुश लगाना भी है । जीएसटी के तहत सभी काम ऑन लाइन होगे एजबकि अधिकारियों की विवेकाधीन शक्तियों में भी कमी की गयी है ताकि कोई अधिकारी व्याेपारियों का उत्पीवड़न न कर सके । जीएसटी में कारोबारियों को चिंता मुक्तत करने और उनके हौसले बढ़ाने के लिये वाणिज्यक कर विभाग अब शासक की बजाय मित्र की भूमिका में नजर आएगा । तीन माह तक वाणिज्ये कर विभागके अधिकारी न तो किसी की जांच करेगें और  न ही कहीं छापे डालेंगे । जीएसटी में छोटी.मोटी त्रुटियों के संबंधमें कोई  प्रतिकूल निर्णय नहीं लिया जाएगा।एक्टामें यह भी  प्रावधान कियागया गया है यदि व्याेपारी द्वारा कर देने से रह गया या गलत आईटीसी क्ले्म कर ली गयी गयी है या गलत रिफण्डै कर ि‍लया है तो व्याेपारी नोटिस जारी होने के बाद अपना सही कर  जमा कर देते हैं तो कोई प्रतिकूल निर्णय नहीं लिया जाएगा । व्याोपारीकी मंशा सही न होने की दशा में यदि व्याकपारी अपनी भूल स्वीलकार करते हुए कर जमा कर देतेहैंतो  भी कोई अर्थदण्ड  अथवा अन्य  विधिक कार्यवाही नहींकी जाएगी । जीएसटी के तहत जानबूझकर फर्जी काम करते हुए 02 करोड़ रूपये से अधिक की कर;टैक्सी द्धचोरी पर गिरफ्तारी का प्रावधान है। 02 से 05 करोड़ रुपये की कर चोरी को गैर जमानती व असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है । 05 करोड से अधिक कर ; टैक्सी द्ध चोरी को गैरजमानती व संज्ञेय अपराध माना गया है। 99ण्9 प्रतिशत  व्याधपारी इसकी परिधि में नहीं आते हैं । जीएसटी लागू होने से भवन निर्माण एलोहा व सीमेण्ट  एमोटर व दो पहिया वाहन एदवायेंएकोयला ए बिस्किट व रेडीमेड वस्त्रों  सहित अन्यभ वस्तुोओं के दाम में कमी आएगी । साथ ही सभी प्रकार के अनाजए आटाए मैदाए सूजीए वेसलए दालेए लकड़ी का कोयला आदि को पूर्णतया करमुक्ती कर दिया गया है। केवल वांटेड अनाज व आटाएमैदा एसूजी की बिक्री करने वालों के लिये 5 प्रतिशत कर का प्रावधान रखा गया है । हर जिले व जोन में फ्री इंटरनेट तथा जीएसटी में रजिस्ट्रे शन वाणिज्यर कर विभाग एजिले में 05 एजोन में 10 कम्यूट्र टर लगाने जा रहा है । व्याापारियों को सिर्फ एक बार केंद्र में आना होना और यहीं से इनका रजिस्ट्रेमशन हो जाएगा । इन केद्रों में भी इण्टकरनेट या फ्री वाई फाई की व्यहवस्थाे रहेगी ।सुबह 8 बजे से  रात 8बजे तक विभाग के 02 अधिकारी भी यहांमौजूद रहेगे । इन केद्रों में 02.02 अधिकारियों की ड्यूटी सुबह 08 से से 2 बजे तक तथा 2 बजे रात 8 बजे तक रहेगी । इन अधिकारियों के नाम और मोबाइल नम्बवर भी विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्धू होंगे।

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