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Sunday, June 18, 2017

भारत सहित विश्व की सभी सभ्यताये नदियांे के किनारे फूली और बड़ी थी - केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णाराज

भारत सहित विश्व की सभी सभ्यताये नदियांे के किनारे फूली और बड़ी थी - केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णाराज

अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र 
शाहजहाँपुर। वल्र्ड वाईड फण्ड के अन्र्तगत नदियो के लिये जीवन, जीवन के लिये नदियां कार्यक्रम के अन्र्तगत बिनोवा भावे सेवा आश्रम के सयोजकत्व में जिला स्तरीय गंगा सरंक्षण समिति कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभाकक्ष मंे सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि भारत सरकार की मा0 केन्द्रीय राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती कृष्णाराज ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती कृष्णाराज ने कहा कि भारत सहित विश्व की सभी सभ्यताये नदियांे के किनारे फूली और बड़ी थी। नदियों से मानव जीवन का विकास हुआ। नदियों की किनारे से मनुष्य का परम्परागत ढ़ग से धीरे-धीरे विकास हुआ। प्राकृतिक रूप से नदियों का जो प्रवाह रहा है उसी से मानव जीवन का भौतिक प्रगति होती रही है। आज नदियों के उस प्रवाह में कमी आ रही है। उसका मूल कारण है कि हम नदियों का आवश्यकता से अधिक उपयोग कर रहे है। यदि उनका निर्मल स्वच्छ जल प्राकृतिक रूप से बहता रहे तो कोई परेशानी नही हो किन्तु जब हम उसमें नगर का कूड़ा कचरा, कारखानो, उद्योगो का विषाक्त जल डालेगे तो स्वभाविक है कि हमारी नदियां गन्दी होगी और उनके जल का दोहन करते हुये उन्हंे सूखने पर मजबूर कर रहे है। उन्होंने कहा कि पहले हमारे पुरखे गांव वस्तियों में कुए एवं तालाब की खुदाई करते थे और पानी की प्राकृतिक व्यवस्था करते थे। प्राकृतिक व्यवस्था से वर्षा का पानी साल भर उपयोग में आता था। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि बारिश के पानी को जगह-जगह रोका जाये तालाब पोखरो को भरा जाये। नदियों को प्राकृतिक रूप से वहते दिया जाये। उन्होंने कहा कि आज की इस कार्यशाला में विश्व प्रकृति निधि द्वारा जो कार्य किये जा रहे है उसे गांव-गांव लोगो को जागृत कर नदियों की महत्ता के विषय में बताया जाये। जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि मनुष्य के छोटे-छोटे कदम उसे दूर तक ले जाते है। सृष्टि की सरंचना भी धीरे-धीरे ही हुई थी। जिसे बनने में करोड़ो वर्ष लगे। उन्होंने कहा कि नदियांे को बचाने के लिये जो प्रयास बिनोवा भावे सेवा आश्रम के रमेश भईया द्वारा विश्व प्रकृति निधि के सहयोग से किया जा रहा है। वह निश्चय ही आगे चलकर बढ़ा होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी कार्य को करने के लिये आत्मीय भावना जरूरी है। जब व्यक्ति किसी कार्य को ठान लेता है तो वह पहाड़ को चीर कर रास्ता बना लेता है। इसका जीता जागता उदाहरण बिहार प्रदेश के गया के पास गहलौर गांव के गरीब मजदूर दशरथ माझी है जिन्होंने अकेले पहाड़ काट कर सड़क बनाई थी। इसलिये ऐसे बड़े और सर्वकल्याण के कार्य में निष्ठा और लगन से लगना पड़ेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि नदियो के किनारे के गांव को खुले में शौच मुक्त किया गया है। रामगंगा नदी के किनारे के गांव के किसानो को रासायनिक खाद उपयोग न कर, जैविक खाद अपनाने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानो में नदियों के सूखने के कारणो की जनजागृति लाना जरूरी है। जिसमें वह पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा से भूः जल रिचार्ज पिट बनवाया जाये और कछुआ पालन को बढ़ावा दिया जाये। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले की प्लास्टिक बेचने वालो 30 दुकाने बन्द करा दी गई है। अब नगर में प्लास्टिक की पालीथीन नही बिकेगी। जिलाधिकारी ने नदियों की सफाई व संरक्षण के लिये लगे रामगंगा मित्र से कहा कि वह कार्ययोजना बनाकर कार्य कराये मनरेगा से धनराशि दी जायेगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी टी0के0शिबु ने कहा कि आज नदियों की महत्ता के विषय में लोगो को शिक्षा देना जरूरी है। स्कूल कालेजो में भी बच्चों को नदियों के जल स्रोत पर जानकारी दी जाये। नदियां जहां से निकलती है वहां कार्य कराना जरूरी है। जब जल स्रोत बन्द होगा तो स्वभाविक है कि नदी में प्राकृतिक पानी नही आयेगा। उन्होंने कहा कि उसपर कार्य कराया जायेगा। बैठक में विश्व प्रकृति निधि के सिद्धार्थ वैध तथा राजेश बाजपेई ने बातया कि उनके द्वारा रामगंगा नदी के उदगम स्थल धामपुर बिजनौर, मुरादाबाद बरेली और शाहजहाँपुर जनपद में नदियों के वेसिन में कार्य कराया गया है। यह भी देखा गया है कि नदियों का बहाव क्या है, नदियां खत्म क्यो हो रही है। वन्य जीव कछुआ, डालफिन, मछलियां आदि प्राकृतिक पानी के जीवन कम क्यो हो रहे है। आद्योगिक केनरी का पानी नदियों को प्रदूषित कर रहा है। उन्होंने बताया कि शाहजहाँपुर जिले के 39 गांव में कार्य कराया जा रहा है। बिनोवा भावे आश्रम के रमेश भईया ने मा0 राज्यमंत्री तथा जिलाधिकारी का स्वागत करते हुये कहा कि बिजनौर से लेकर शाहजहाँपुर तक रामगंगा नदी के लिये मा0 राज्यमंत्री जी के सहयोग से कार्य किये गये है। रामगंगा के उदगम स्थल से गंगा नदी में मिलने तक कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद शाहजहाँपुर में 9 नदियां है इन नदियों को सरंक्षित करने के लिये कार्य कराया जायेगा। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, उपायुक्त मनरेगा राजेश कुमार झा, कृषि वैज्ञानिक डा0 एम0पी0गुप्ता, डा0 एल0वी0सिंह सहित राष्ट्रीय युवा संगठन के ब्रजेश कुमार, सर्वेश वर्मा, अमित त्यागी आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। बिनोवा भावे सेवा आश्रम की विमला बहन ने सभी आगन्तुको के प्रति धन्यबाद ज्ञापित किया।

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