Translate

Sunday, June 18, 2017

प्रदेश सरकार के 100 दिन के अन्र्तगत किसानो के हित में अनेको कार्य किये- जिलाधिकारी

प्रदेश सरकार के 100 दिन के अन्र्तगत किसानो के हित में अनेको कार्य किये- जिलाधिकारी

अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
शाहजहाँपुर। वर्तमान सरकार के मुखिया मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देश के अनुपालन में तथा सरकार के 100 दिन के कार्य के अन्र्तगत जनपद में रवी क्रय वर्ष 2017-18 के मूल्य समर्थन योजना के अन्र्तगत 21885 किसानो से 18 लाख 20 हजार कुन्टल गेहूँ क्रय करते हुये 2 अरब 97 करोड़ 55 लाख 84 हजार रूपये किसानो को भुगतान कर  प्रदेश में सर्वाधिक गेहूँ क्रय किया गया। सरकार की नीति है कि किसानो को उनके फसल उत्पाद का उचित मूल्य मिले। उनके फसल उत्पादन का सही मूल्य किसानो को ही मिलना चाहिये बिचैलियों को नही। जिले स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा 175 गेहूँ क्रय केन्द्रो को खुलवाते हुये किसानो को नजदीकी केन्द्र पर गेहूँ बेचने के लिये प्रोत्साहित किया गया। किसानो के गेहूँ खरीदने के लिये बिचैलियों पर सख्ती बरती गई और केन्द्रवार जिले के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करते हुये किसानो को गेहूँ सरकारी क्रय केन्द्र पर ही बेचने के लिये प्रोत्साहित किया गया। जिससे किसानो ने अपने नजदीकी गेहूँ क्रय केन्द्रो पर गेहूँ बेचते हुये समर्थन मूल्य का पूरा लाभ लिया। जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले में किसानो को उनकी गेहूँ उपज का 1625 रूपये प्रति कुन्टल की दर से तथा उतराई एवं छनाई मद में 10 रूपये प्रति कुन्टल की दर को जोड़ते हुये कुल 1635 रूपये प्रति कुन्टल की दर से किसानो का गेहूँ खरीद कर उन्हें 48 घण्टे के अन्दर आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से उनके खातो में भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि जिले के 21885 किसानो से 18 लाख 20 हजार कुन्टल गेहूँ खरीदते हुये सीधे किसानो को 2 अरब 97 करोड़ 55 लाख 84 हजार रूपये का भुगतान करते हुये उन्हें लाभान्वित किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देश और लगातार समीक्षा के फलस्परूप मात्रात्मक दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश के सभी जनपदो से जनपद शाहजहाँपुर में सर्वाधिक खरीद हुई है। विगत वर्ष गेहूँ की खरीद जिले में 7.36 लाख कुन्टल ही थी। इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में लगभग 2.5 गुना अधिक गेहूँ खरीद हुई है जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार के 100 दिन के अन्र्तगत किसानो के हित में अनेको कार्य किये जा रहे है। किसानो को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाते हुये उनकी आर्थिक उन्नति की जा रही है।

No comments: