अवैध निर्माण के मामले को दबाने में जुटे आलाधिकारी
रायबरेली । विकास प्राधिकरण के अफसर खुद ही अवैध निर्माण करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। बेलीगंज में तीन मंजिल के नक्शे पर छह मंजिल बनाने के मामले में यह साफ देखने को मिल रहा है। आरडीए ने 15 दिन पहले बिल्डर को नोटिस जारी करके जवाब मांग गया था, लेकिन बिल्डर ने इसे भी ठेंगा दिखा दिया। बावजूद इसके अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे साफ है कि अफसर अवैध निर्माण के मामले को दबाने में जुटे हैं। शहर के बेलीगंज में आरडीए की ओर से एक तीन मंजिला आवासीय निर्माण के लिये नक्शा पास किया गया था, जबकि बिल्डर ने मानकों को ताक पर रखकर छह मंजिल की ग्रुप हाउ¨सग करा डाली। यहां तैनात रहे पूर्व एक्सईएन एसके सिन्हा ने करीब 15 दिन पहले अवैध निर्माण पर नोटिस जारी की थी। काम बंद करके एक सप्ताह के अंदर जवाब देने के निर्देश दिये गये थे। नोटिस जारी किये गये 15 दिन बीत गये, लेकिन अब तक आरडीए के पास कोई जवाब नहीं पहुंचा। मामले में अफसरों की मनमानी का आलम यह है कि पहले तो सांठगांठ कर बिना नक्शे के अवैध निर्माण करा दिया, अब पोल खुलने के बाद भी कार्रवाई से कतरा रहे हैं। नियमानुसार बिल्डर के जवाब न देने की स्थिति पर अवैध निर्माण को ध्वस्तकरने का आदेश जारी करना चाहिये। लेकिन अफसरों ने ऐसा कुछ नहीं किया। यह हाल तब है जब इसी अवैध निर्माण को लेकर विभागीय अफसरों की जिले से लेकर शासन तक खूब किरकिरी हुई। सूत्रों की माने तो अफसर इस अवैध निर्माण को वैध बनाने का रास्ता खोज रहे हैं। ताकि अवैध निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से बचा जा सके।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
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