मुख्य चिकित्साधिकारी के सभागार मैं एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया |
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फिरोजाबाद।। शुक्रवार
को मुख्य चिकिसाधिकारी सभागार,
दबरई में एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें क्षयरोग (टीबी) से
ग्रसित 1 से 18 वर्ष तक के बच्चों को गोद
लेने बाले विभिन्न संगठनों के सामाजिक कार्यकर्ताओं, प्रतिनिधियों एवं अन्य अधिकारीयों ने प्रतिभाग
किया। आयोजित
कार्यशाला में जिला क्षयरोग। अधिकारी आर.एस. अत्येन्द्र ने टीबी रोगियों से
सम्पर्क के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और पौष्टिक आहार व अन्य जानकारियां
उपलब्ध कराते हुए बताया कि जनपद में जनवरी 2019 से अभी तक 900 से भी अधिक बच्चों का इलाज चला है जिसमें से कई तो स्वास्थ्य लाभ पा
चुके हैं। टीबी से ग्रसित MDR मरीजों
को सरकारी अस्पताल में बेडाकुलिन टेबलेट निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है जिसका मूल्य
लगभग 6000 रुपये
प्रति टेबलेट है, यह
टेबलेट गर्भवती महिलाओं और 18 वर्ष से
कम आयु के बच्चों को नहीं दी जाती है। Shorter regimen MDR का कोर्स लगभग 9 से 11 महीने तक चलता है और conventional MDR का कोर्स
लगभग 24 से 27 महीने तक चलता है।जिला
समन्वयक आस्था तौमर ने बताया कि क्षयरोग से ग्रसित किसी भी मरीज के पास खाली पेट
नहीं जाना चाहिए क्योंकि टीबी का वैक्टीरिया स्वांस के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति
के शरीर में प्रवेश कर सकता है। यदि मरीज के घर 6 वर्ष से छोटे बच्चे भी हैं तो उन्हें भी खतरनाक
वैक्टीरिया से बचाने के लिए सरकारी क्षयरोग अस्पताल से दवाएं निःशुल्क दी जाती
हैं। छुपा हुआ टीबी का मरीज एक साल में लगभग 15 मरीज बनाता है।जिला पीपीएम समन्वयक मनीष कुमार ने कहा कि इलाज के
दौरान रोगी को बिल्कुल भी लापरवाही नही करनी चाहिए क्योंकि 72 घंटे से अधिक समय का अंतर
होता है तो बीमारी बढ़ने की आशंका बनी रहती है। विश्व में अब तक 14 जानलेवा वैक्टीरिया की खोज
की जा चुकी है, शरीर में
आंख के लैंस और नाखून को छोड़कर कहीं भी टीबी की समस्या हो सकती है। व्यक्ति को
कारखानों, सीमेंट
फैक्ट्रियों एवं अन्य स्थानों पर डस्ट एलर्जी से बचने के लिए हल्के वाले मास्क का
प्रयोग करना चाहिए। एक वयस्क टीबी रोगी को लगभग 10 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति
के लिए खाली पेट मुट्ठीभर चना,
मटर, सोयाबीन
या रमास में से कोई भी पौष्टिक आहार रात में भिगोकर रखें जिसे सुबह उबालकर खाली
पेट खाएं उसके बाद ही चिकिसक के निर्देशानुसार एक साथ दवा खाएं, पौष्टिक आहार के लिए मसूर
के अतिरिक्त कोई भी दाल खा सकते हैं। कार्य के दौरान होने वाली अन्य किसी भी
समस्या के समाधान के लिये सामाजिक कार्यकर्ता संबंधित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर
से संपर्क कर सकते है।कार्यशाला में मुख्य रूप से इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, सेवा पथ जन कल्याण समिति, आदर्श विकास संस्थान, जॉइंट्स ग्रुप ऑफ महिला शक्ति, कोमल फाउंडेशन, जनआधार कल्याण समिति व अन्य
सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे थे।
कश्मीर
सिंह मंडल ब्यूरो
आगरा
अक्रॉस
टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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