मधुकर मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। बिठूर मे इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि रानी लक्ष्मीबाई घाट पर लाखों रुपए की लागत से तैयार हुआ महिला व वस्तु परिवर्तन कक्ष अब मूत्रालय के रूप में परिवर्तित हो चुका है l भारत सरकार ने नमामि गंगे संस्था को उत्तर प्रदेश में घाटों के सुंदरीकरण का कार्य सौंपा है जिसके अंतर्गत बिठूर में कई घाटों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है इसी कड़ी में रानी लक्ष्मीबाई घाट जोकि बिठूर का ऐतिहासिक एवं पौराणिक घाट है पर लाखों रुपए की लागत से महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष का निर्माण कराया गया था परंतु रखरखाव के अभाव में अब हुआ मूत्रालय के रूप में परिवर्तित हो चुका है तीर्थ पुरोहित आचार्य देव कुमार व आचार्य आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि बिठूर में वैसे तो 30 से 32 छोटे बड़े मिले होते हैं जिसमें कानपुर के अलावा अन्य जिलों से हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं जिसके मद्देनजर शुक्ला घाट और वर्तमान में ही रानी लक्ष्मी घाट पर लाखों रुपए की लागत से महिला वस्त्र परिवर्तन कक्ष बनाया गया था परंतु अब वह पूर्ण रूप मूत्रालय बन गया है l गंगा सभा अध्यक्ष शिवदीन द्विवेदी ने बताया कि इससे पहले शुक्ला घाट पर केडीए द्वारा लाखों रुपए की लागत से महिला वस्त्र वितरण कक्ष बनाया गया था जिसमें आवारा पशु बैठा करते थे परंतु अब नगर पंचायत बिठूर की कड़ी मेहनत से उस कक्ष को सफाई कराकर सुरक्षित रखा गया है जो केवल मेलों में ही खोला जाता है ।
No comments:
Post a Comment