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Monday, February 25, 2019

प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की उड रही धज्जियां , कांवरिया गंगा की रेत पर खुले मे बैठने को मजबूर





मधुकर मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर 
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर । हाल ही में गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए विशेष कार्य योजना के तहत बिठूर मे 'नमामि गंगे' को रानी लक्ष्मी बाई घाट सहित  आधा दर्जन घाटो के निर्माण का केन्द्र सरकार द्वारा  ठेका दिया  गया पर नमामि गंगे निर्माणी संस्था ने शौचालय जैसे अहम विषय को तवज्जो नहीं दी वहीं स्थानीय प्रशासन ने शौचालय जैसे अहम विषय को दर किनारे कर कोई वैकल्पिक ब्यवस्था नही  जैसा की ज्ञात होगा कि बिठूर में कांवरियों का मेला चल रहा है घाटों के किनारे शौचालय की व्यवस्था ना होने के कारण मेलार्थी खुले मे बैठने के लिए मजबूर अगर यह कहा जाए की गंगा की खुली रेत पर चारो तरफ गन्दगी का माहौल है तो गलत न होगा जहां एक ओर केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार गंगा को साफ एवं स्वच्छ रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के चलते कांवरियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है समझने वाली बात यह है कि शासन द्वारा एवं नमामि गंगे निर्माण संस्था द्वारा घाट के पास जिन शौचालयों का निर्माण  कराया गया उनमें ताले पड़े हुए और यात्री गंगा के किनारे खुले में शौच करने के लिए मजबूर है,  गंगा सुरक्षा दल के अध्यक्ष उदय नारायण तिवारी उर्फ बच्चा तिवारी व कल्लू मिश्रा के माने तो जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गंगा को साफ रखने के लिए अपने भाषणों में प्रशासन को जागरुक करने का काम करते हैं वही उनकी आवाज प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंचे प्रशासन को चाहिए बिठूर जो की ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल है यहां पर वर्ष भर में 30 से 32 छोटे और बड़े मेले लगते हैं और इन मेलों में कानपुर के अलावा अन्य जिलों से हजारों की तादाद में श्रद्धालु गंगा स्नान एवं दर्शन के लिए आते हैं इस बात को ध्यान में रखते हुए शौचालय की व्यवस्था एवं रखरखाव स्थानीय प्रशासन जिला प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए।

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