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Monday, February 18, 2019

मदरसा इदारा महमूदिया में प्राइमरी से अरबी फारसी और हिफ्ज़ की वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंको से पास होने वाले छात्रो की हौसला अफज़ाई के लिये अंलकरण समारोह का आयोजन


दिनेश सिंह सोमवंशी ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
मोहम्मदी,लखीमपुर खीरी। नगर के सबसे पुराने दीनी मदरसा इदारा महमूदिया में रविवार को प्राइमरी से अरबी फारसी और हिफ्ज़ की वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंको से पास होने वाले छात्रो की हौसला अफज़ाई के लिये अंलकरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रबन्धक पेश ईमाम मौलाना असजद मियां ने प्रतिभाशाली छात्रो को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर हौसला अफजाई की। इस अवसर पर प्रबन्धक सहित अन्य वक्ताओ ने कश्मीर के पुलवामां की आतंकी घटना की निन्दा करते हुए आतंकवाद को इस्लाम का दुश्मन बताया। कार्यक्रम के अन्त में आतंकी हमले में शहीद जवाने के लिये खारिज-ए-अकीदत पेश की गयी। नगर के 70 वर्ष पुराने दीनी मदरसे मदरसा इदारा महमूदिया में पूर्व वर्षो की भाति इस वर्ष भी ‘‘मेघावी छात्र अंलकरण (होनहार तालिब इल्म इनामी जलसा) समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्राइमरी क्लास से लेकर आलिमत, अरबी, फारसी एवं हिफ्ज के अच्छे नम्बरो से पास छात्रो को समारोह पूर्वक सम्मानित कर प्रमाण पत्र एवं ईनाम देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर मदरसे के वायोवृद्ध उस्ताद मौलाना मजिदुल्ला खां, मौलाना तारिक साहब, फिदा हुसैन, मौलाना मजहर मुफ्ती फरहान साहब, हाफिज़ मंसूर साहब, हाफिज अब्दुल सलाम साहब ने छात्रो को अपने छात्र जीवन से जुड़ी यादो को शेयर करते हुए पढ़ाई की अहमियत के साथ-साथ समाज में हमे किस तरह की जिन्दगी गुजारना चाहिए, अपने कुनबे, घर-परिवार के साथ-साथ अपने कस्बे, मोहल्ले और गांव के हर बड़े के साथ रहने चलने की हिदायत देते हुए देश प्रेम का पाठ भी पढ़ाया। वही जलसे की सदारत कर रहे प्रबन्धक व मोहम्मदी के पेश ईमाम मौलाना असजद मियां ने अपने सम्बोधन में पढ़ाई के पास के साथ-साथ मुल्क की वफादारी और देश के संविधान, आपसी भाई-चारे और एकता की राह पर चलने की हिदायत देते जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले की निन्दा करते हुए कहा कि इस्लाम में आतंकवाद के लिये कोई जगह नहीं है। इस्लाम प्यार-मोहब्बत और भाई-चारे के साथ रहना सिखाता है। चन्द लोगो की हरकतो के कारण पूरी कौम को बदनामी सहनी पड़ती है। इस्लाम में इस तरह के जिहाद के लिये कोई जगह नहीं है। हमे अपने देश से मोहब्बत करना चाहिए, देश के संविधान के बताये रास्ते पर चलना चाहिए। इस्लाम प्यार मोहब्बत आपसी भाई-चारे पर चलने की हिदायत देता है। समारोह के आखीर में शहीद हुए जवानो के लिये दो मिनट का मौन रखकर खारिज-ए-अकीदत पेश की गयी। कार्यक्रम का संचालन मौलाना सालिम साहब ने किया। इस मौके पर मौलाना डा0 अब्दुल हक़ कासमी, मौलाना अखलद, हाजी सलमानुल हक सहित तमाम लोग मौजूद थे।

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