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Monday, October 9, 2017

नही रहेगा बाबाओं का डेरा,चलेगा बस जीएसटी और रेरा- रामदास अठावले

नही रहेगा बाबाओं का डेरा,चलेगा बस जीएसटी और रेरा- रामदास अठावले

जीएसटी और रेरा पर सेमिनार का आयोजन, तमाम बड़ी हस्तियां हुई शामिल


आकाँक्षा भारद्वाज की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
गुरुग्राम। रियल एस्टेट और भारत में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए गुरूग्राम स्थित द रिट्ज अम्बिएंस आइलैंड में रेरा और जीएसटी पर एबोड फर्स्ट ग्रुप ऑफ कम्पनीज ने एक सेमीनार आयोजित किया। इसमें कई विदेशी निवेशकों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और तमाम क्षेत्रों के बड़े दिग्गजों शामिल हुए।देश के टॉप बिजनेस लीडर्स, निवेशकों और बाजार के टॉप प्लेयर्स की मौजूदगी में रेरा तथा जीएसटी पर सेमीनार का आयोजन किया गया। रेरा और जीएसटी के प्रति उद्यमियों को जागरुक करने के साथ-साथ नोटबंदी के बाद केंद्र द्वारा लागू किए गए जीएसटी और रेरा जैसे कानूनों पर चर्चा की गई। इसके अलावा देश में व्यापार को बढ़ाने के साथ-साथ विदेशी निवेशकों को भारत लाने पर भी जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में सीएसआर एक्टिविटीज के तहत देश के शहीदों के परिवार वालो को सम्मानित किया गया और साथ ही उन्हें 50 हजार की आर्थिक मदद भी दी गई। इस मौके पर देश-विदेश के बड़े निवेशकों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और खेल जगत के साथ फिल्मी दुनिया के दिग्गजों ने भी शिरकत की। जिनमे केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, सांसद उदित राज, बीजेपी राष्ट्रिय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, फिल्म जगत से संदीप मारवाह, गजेन्द्र चैहान, मिसिस इंडिया नीतू प्रभाकर, गोल्ड मेडलिस्ट प्रीती बेनीवाल, वीमेन क्रिकेट टीम से मंजू गोदारा और बॉक्सर विजेंदर सिंह शामिल थे। इस दौरान भारत में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि जीएसटी और रेरा कानून से भारत में विदेशी निवेश तो बढ़ेगा साथ ही निवेशकों की शंका भी दूर हो सकेगी और बात को बढ़ाते हुए कहा कि नही रहेगा बाबाओं का डेराए चलेगा बस जीएसटी और रेरा। एनआरआई उद्यमी तथा एबोड फर्स्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप देसवाल ने कहा की आज भारतीय बाजार मामूली तौर पर मंदी में है, लेकिन आने वाले समय में जीएसटी और रेरा के लाभ दिखाई देंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि व्यापार पारदर्शी और ग्राहकों के प्रति जवाबदेह होगा। उन्होंने बताया कि अधिकांश देशों में ऐसे कानून पहले से लागू हैं और अब भारत में भी ऐसे कानून लागू होने से विदेशी कंपनियां निवेश के विकल्प तलाश रही हैं।


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