कानपुर । दिसम्बर २०१९ के प्रथम सप्ताह में कानपुर में महामहिम राष्ट्रपति जी ने इंदिरानगर का हालचाल लिया और कहा अब पहले से सब अच्छा हो रहा है। बहते सीवर व टूटी-फूटी सड़क के नागरिक के दर्द को किसी ने नहीं समझा। १४ दिसम्बर को गंगा संरक्षण कार्यक्रम में हमारे ह्रदय स्वामी और देश के प्रधानमंत्री माननीय श्रीमान नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के आगमन के लिए प्रशासन ने जोर दार प्रकार से तैयारी प्रारम्भ कर दी है। गंगा किनारे ५०० शौचालय निर्माण के साथ सरकारी अमला कानपुर को चमकाने में लग गया है। मोदी जी ने भी कानपुर को ढेरों सौगात देने की घोषणा कर दी है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम पर करोड़ों की राशि दी जाएगी। सवा करोड़ की लागत से सड़क सफाई की मशीन भी सौगात में शामिल हैं। प्रशासन की तो लाटरी खुल गई है, पर राष्ट्रपति निवास के निकट इंदिरानगर निवासियों की पीड़ा के लिए मोदी जी का स्वच्छता अभियान एक स्वप्न बन कर रह गया है। वार्ड १७ नारामऊ के अन्तर्गत आने वाले इंदिरानगर के लिए नगर निगम के पास न कोई सफाई कर्मी है न ही सफाई के कोई संसाधन। महीनों यहां की रोड़ों की सफाई नहीं होती है न ही कूड़ा उठाया जाता है। नगर निगम के एक उच्चाधिकारी का स्पष्ट कहना है कि कूड़ा उठाने के लिए उनके वार्ड में हाथ वाली ठिलिया नहीं है। वार्ड में १२० आवश्यक सफाई कर्मियों के लिए शासन से कई बार कहा गया है पर मात्र ३५ सफाई कर्मियों की भर्ती हैं। वार्ड के लिए २० ठिलिया की मांग की गती है मात्र चार गाडियां हैं। सफाई संसाधनों का नितांत अभाव है। मोदी जी ने अपने स्वच्छता अभियान में इंदिरानगर वासियों के हाथ में झाड़ू तो पकड़ा दिया है पर सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया है। नवम्बर २०१४ के मोदी जी के स्वच्छता भागीदारी में कानपुर जिला प्रशासन से पुरस्कृत इंदिरानगर निवासी ज्ञान प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि मोदी जी का स्वचछता अभियान भारत के लिए हो सकता है पर हम इंदिरानगर वासियों के लिए बहते सीवर, टूटी सडके व गन्दगी के अलावा कुछ नहीं है।
मधुकर राव मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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