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Tuesday, December 17, 2019

बीएसए द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलनाएशिक्षिका रूफिया के साथ आई शिवसेना


शाहजहाँपुर।। शिव सेना के जिला प्रमुख पण्डित सत्यपाल मिश्र ने अपने सहयोगियों के साथ आज राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन को जिलाधिकारी को सौंपा और अन्य मांगों के साथ यह भी मांग की उच्च प्राथमिक विद्यालय अकर्रा रसूलपुर, ददरौल की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रूफिया खान को उच्च न्यायालाय के आदेश के बावजूद अब तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उनके विद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया, जिसे शीघ्रता से कराया जाए। उधर शिक्षिका रूफिया खान ने जिलाधिकारी को पुनः पत्र लिखकर अवगत कराया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें उनके विद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लम्बे समय से उनके विरूद्ध उनकी क्षवि खराब करने और उनका पद हथियाने के लिए षड़यन्त्र रचा जा रहा है, लेकिन संबंधित अधिकारी द्वारा दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाहीं नहीं की गई। ज्ञात रहे पिछले दिनों चिकित्सीय अवकाश के बाद जब रूफिया खान अपने विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने पहुंची और माननीय उच्च न्यायाल, इलाहबाद का आदेश दिखाने के बावजूद सहायक अध्यापक प्रेमपाल गंगवार ने उन्हें कार्यभार ग्रहण कराने से इंकार कर दिया। रूफिया खान ने इस प्रकरण की सूचना तुरन्त व्हाट्सएप द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उलब्ध कराई, लेकिन बीएसए ने शिक्षक के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की और आज तक विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने में टालमटोल करते आ रहे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय अकर्रा रसूलपुर जनपद का एक माॅडल स्कूल है, जहां की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रूफिया खान के नेतृत्व में बच्चों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। लगभग एक वर्ष पूर्व जब एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन संबंधी आदेश जारी हुआ तभी से इस विद्यालय के शिक्षकों ने इंचार्ज प्रधानाध्यापिक रूफिया खान को विद्यालय से हटाने के लिए आरोप लगाये जा रहे हैं और उन्हें निलम्बित भी किया जा चुका है। इस दौरान पांच अधिकारियों द्वारा उनकी जांच होने के बाद उनको 19 जुलाई को प्रतिकूल प्रविष्ठि देकर बहाल तो कर दिया गया लेकिन उनका स्थानांतरण क्षेत्र के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय बरूआ बंजर कर दिया गया, जहां रूफिया खान ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया और अधिकारियों को उनके विरूद्ध हो रहे अन्याय से अवगत कराया। इस पर बीएसए द्वारा 2 अगस्त को उन्हें दोषमुक्त कर पुनः उनके विद्यालय में पद स्थापित करने का आदेश जारी कर दिया। लेकिन बीएसए ने दो दिन बाद ही अपना आदेश बदल कर रूफिया खान को पुनः अपना विद्यालय छोड़ने का आदेश जारी कर दिया। माना जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारी शिक्षिका को न्याय दिलाने में असहाय दिख रहे हैं। शिक्षिका ने अपने मानसिक उत्पीड़न की शिकायत मुख्यमंत्री सहित उच्च अधिकारियों से की है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। अन्ततः उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय का सहारा लिया, जहां 26 नवम्बर को उच्च न्यायालय की फटकार पर बीएसए ने उसी दिन अपना अन्तिम आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। लेकिन इसके बाद भी रूफिया खान को अब तक उनके विद्यालय में ज्वाइनिंग नहीं मिल सकी है।

गौरव शुक्ला ब्यूरो चीफ शाहजहाँपुर 
अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र

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