ऊँचाहार ।। देश के गरीबों को आवास मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई, जो योजना ही नही बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सपना है कि हर गरीब के पास घर और शौचालय होना चाहिए। लेकिन अधिकारियों व ग्राम प्रधानों के भ्रष्टाचार के चलते अब शायद यह लगता है कि प्रधानमंत्री का सपना सपना ही राह जाएगा और ये आवास विहीन गरीब परिवार अपने हालातों पर ही जियेंगे। क्योंकि अधिकारी समेत प्रधान उनके सपनो को पलीता लगाने में मशगूल है।मामला ऊँचाहार के सराय हरदो ग्राम के महिपत का पुरवा का है हालात यह हैं कि प्रधानमंत्री आवास चाहिए तो पहले 10 हजार देना पड़ेगा। गांव के लोगो ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था कि हर गरीब को आवास मिले, शौचालय हो लेकिन अब शायद यह सपना उन के लिए सच मे सपना ही रह जाएगा। क्योंकि उन के सपनो और इस योजना को प्रधान व उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से पलीता लगाया जा रहा है। जब आवास के नाम पर प्रधान ने ग्रामीणों से 10-20हजार तक रुपये लिए गए है और यही नही यहां सरकारी योजनाओं का लाभ भी नही दिया जा रहा है कुछ लोगो को न ही राशन मिलता है और न ही किसी गरीब वृद्ध को वृद्धावस्था पेंशन दिया जाता है और न ही विधवा पेंशन का लाभ मिल पाया महिपत का पुरवा निवासी केशपाल मौर्य ने प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे नाम की कालोनी आयी है लेकिन अभी तक मुझे कालोनी नही मिली इस गाँव मे न ही नाली है और ना ही विकास कार्य कराया गया। वही प्रधान के भतीजे छेदीलाल से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस गाँव की समस्या न हम सुलझा पाएंगे और न ही आप।
अब देखना यह है कि ऐसे प्रधान पर सक्षम अधिकारी क्या। कार्यवाही करते है।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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