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Tuesday, February 19, 2019

कुपोषण का होगा खात्मा बस थोडा करे इन्तजार : डा० अशोक


मधुकर राव मोघे ब्यूरो चीफ कानपुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। किसान जिन्हे धरती का अन्नदाता कहते है आने वाले निकट भविष्य मे 'फसल बायोफोट्रिफिकशन प्रोजेक्ट' के माध्यम से कुछ ऐसी प्रणाली प्रयोग मे लाइ जाएगी जिसके प्रयोग मात्र से जो फसल खेतों मे बोई जाएगी उसका उत्पादन दुगुनी से चुनी होगी अलावा विष रहित होगी।उन्होने कहा भारत सर प्रजातियों द्वारा कुपोषण का निवारण विषय पर 3 साल का एक प्रोजेक्ट मिला है उन्होंने कहा भारत में मात्र 4 केवी के हैं जिन्हें यह सम्मानजनक प्रोजेक्ट मिला है केवीके कानपुर देहात केवीके पालघाट महाराष्ट्र केवीके उड़ीसा वाह एकेवीके तमिलनाडु को मिला है इस प्रोजेक्ट में 3 वर्ष हेतु 6 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत केवीके दलीप नगर के क्षेत्र पर 5 एकड़ जमीन में फसलों की बायोफोर्टीफाइड प्रजातियां  उगाई जाएगी जिनमें से मुख्य रूप से सब्जी व फल वाले पौधे होंगे यह प्रजातियां विटामिन व खनिज लोगों से भरपूर होंगे अर्थात इन प्रजातियों में उस फसल की अन्य प्रजातियों की अपेक्षा अधिक विटामिन व खनिज लवण माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं इस प्रदर्शन इकाई को जनपद के कस्को को दिखाया जाएगा इस संदर्भ में प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे इस प्रोजेक्ट में जनपद से किसानों में अच्छी पहचान रखने वाले 5 किसानों कृषक भाइयों को हंगर फाइटर के रूप में नियुक्त किया जाएगा जो अपने अपने क्षेत्र में अन्य कृषक व कृषक महिलाओं को कुपोषण के प्रति जागरूक करेंगे इसी क्रम में अग्रगामी कृषक व कृषक महिलाओं के क्षेत्र भी बायोफोर्टिफिकेशन वाली प्रजातियां उगाई जाएंगी और जनपद के कुपोषित परिवारों को खाने के लिए दी जाएंगी इसके लिए जिन परिवारों को यह भोजन खाने को दिया जाएगा पहले उनका डॉक्टरी परीक्षण होगा  तथा बायोफोर्टीफाइड फलों व सब्जियों फलों को सेवन के उपरांत क्या परिणाम आए हैं इसका अध्ययन भी किया जाएगा जिसमें जनपद के डॉक्टरों की एक टीम भी कार्य करेगी इस प्रोजेक्ट के सफलता के बाद सरकार से प्रदेश व देश के अन्य जिलों में भी लागू कर सकती है ऐसी पूरी संभावना है क्योंकि देश की एक बहुत बड़ी आबादी आज कुपोषित है बताते चले हाल ही मे श्री अशोक कुमार इस विशेष क्रषि अभियान के लिए विशेष रूप से तमिलनाडु बुलाया गया थी उनकी विशेषता और  कार्य के प्रति समर्पण को देखते हुए प्रोजेक्ट मे विशेष स्थान दिया गया है।

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