महराजगंज,रायबरेली।। आखिरकार 72 घंटे के बाद नगर पंचायत प्रशासन की कुंभकरणी नींद टूट ही गई। जबकि, समाचार माध्यमों में महराजगंज कस्बे के 25 लोगों को अब तक क्वॉरेंटाइन न किए जाने की खबर प्रमुखता से चली तो आनन-फानन नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जोकि, मुख्यालय पर 3 दिनों से मौजूद नहीं थे। वापस आए और पुलिस को उन सभी ऐसे लोगों की लिस्ट, जोकि बाहर से लौटकर न केवल अपने घरों में रह रहे थे बल्कि, खुलेआम बाजारों तक में विचरण करते नजर आ रहे थे। जिससे कस्बे वासियों में संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा लोगों में बना हुआ था। आपको बता दें कि, इस समस्या को और व्यवस्था से जुड़े पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को से बातचीत की थी, तो फौरन ईओ को लाइन पर लाया गया। आपको बता दें कि, ईओ डॉ राजेश कुमार ने सीएचसी महराजगंज से सूची लेकर पुलिस को थमाई, तत्काल कोतवाल अरुण कुमार सिंह एक्शन में आ गए, और चुन-चुन कर पहले उन 25 लोगों को जिसके नाम सूची में दिए गए थे, उनको उठा कर राजा चंद्रचूड़ सिंह इंटर कॉलेज में क्वॉरेंटाइन कर दिया। इसके अलावा सात और लोग भी प्रकाश में आ गए, उनकी भी डॉक्टरी करवा कर पुलिस ने 32 लोगों को क्वॉरेंटाइन कर दिया है, और चेयरमैन पति प्रभात साहू ने भी प्रशासन का पूरा सहयोग करते हुए सभी 32 लोगों के लिए बिस्तर चारपाई और उनके खाने-पीने की तथा रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली सामग्री जिसमें साबुन, तेल, कंघा आदि उपलब्ध करा दिए हैं। कोतवाल ने इन सभी की निगरानी के लिए 2 पुलिसकर्मी भी वहां तैनात कर दिए हैं। लोगों में चर्चा है कि, एसके इन्डिया न्यूज वेब पोर्टल ने इस बात को न उठाया होता, तो यह महाशय परदेसी लोग कस्बे में ही घूम रहे होते, और संक्रामक बीमारियों को दावत देते।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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