अमरपुर काशी बिलारी।। वैशाख शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि तदनुसार मंगलवार को प्रातः काल परम पूज्य प्रगत पद आचार्य भगवत प्रातः स्मरणीय आद्य जगतगुरु शंकराचार्य की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई इस अवसर पर अमरपुर काशी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रशासनिक भवन में विचार व्यक्त करते हुए बताया मनुष्य वेद को छोड़ रहे थे वेदों की रक्षा करने वाले ब्राह्मणों को मारा जा रहा था और समस्त भारतवर्ष वैदिक संस्कृति से दूर जा रहा था तब केवल 19 वर्ष की आयु में समस्त भारत का भ्रमण किया और भारत में पुनः वैदिक धर्म की स्थापना की महाभारत जैसे ज्ञान के सागर में से अमृत समान गीता का संशोधन किया विष्णु सहस्रनाम का संशोधन किया न जाने कितने स्त्रोतों की रचना की अद्वैतवाद की स्थापना की पंचदेव ब्रह्मा विष्णु शिव गणपति शक्ति सूर्य पूजन का विधान किया ब्राह्मणों को उनका गौरव और मर्यादा पुनः प्राप्त करवाएं भारत की चारों दिशाओं में चार मठ की स्थापना की उत्तर में बद्रीनाथ दक्षिण में रामेश्वरम पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारिका पुरी और जीवन के सार रूप भज गोविंदम जैसे अद्भुत स्त्रोत का ज्ञान दिया और केवल 32 वर्ष की अल्पायु में अपने देह का त्याग कर स्वरधाम चले गए शंकराचार्य को स्वयं शिव का अवतार माना जाता है इस अवसर पर ज्योति शुगर शिव मंदिर के पुजारी विनोद कुमार शर्मा अंशुल शर्मा लालाराम मनोज कुमार मेघराज मुकेश कुशवाहा शारीरिक दूरी बनाते हुए उपस्थित रहे।
राघवेंद्र सक्सेना बीनू ब्यूरो चीफ मुरादाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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