रायबरेली। आज प्रधानमंत्री के साथ देश के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई,सभी सीएम ने मांग रखी,कि लाॅकडाऊन बढ़ाया जाय।अब लाॅकडाऊन बढ़ना तय है।स्थिति गम्भीर होती जा रही है,परन्तु कुछ लोग गम्भीर होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्र में लोग अभी मास्क लगाने को लेकर कतई गम्भीर नहीं हैं।गेहूं फसल की कटाई भी जोरों से चालू है।हम मानते हैं,कि बिना घर से निकले ये सब कार्य सम्भव नहीं है।परन्तु लोगों को घर के बाहर मास्क,गमछा या रूमाल मुंह में जरूर बांधना चाहिए,और ये अनिवार्य कर देना चाहिए।किसान अपनी फसल घर नहीं लायेगा,तो खायेगा क्या।क्योंकि अन्न है तो टन्न है,नहीं तो सनासन्न है और जान भी बचाना बहुत जरूरी है। जो लोग इस संकटकालीन समय में जरूरी वस्तुओं के दाम मूल्य से अधिक वसूल रहे हैं,वो बहुत गलत काम कर रहे हैं।ऐसे लोग समाज के दुश्मन हैं।सरकार मदद का ऐलान जरूर कर रही है,परन्तु ये भी सच है कि समय से मदद पहुंच नहीं रही है।इसलिए लोग बहुत परेशान हो रहे हैं।गरीब आदमी इधर उधर खाने के लिए भटक रहा है।शहरी क्षेत्र में मध्यमवर्गीय दिलदार लोग गरीबों को भोजन करा रहे हैं,ये अति सराहनीय काम है।ऐसे लोगों की दिल खोलकर सराहना की जानी चाहिए। फिर भी लाॅकडाऊन चाहे जितने दिन बढ़े,हम सबको उसका पूर्ण समर्थन करते हुए,सफलता के लिए लोगों को जागरूक करते हुए,स्वयं भी अक्षरशः पालन करना है।क्योंकि जान है,तो जहान है।तभी तो संकट खत्म होने पर हम सभी बड़े गर्व के साथ कहेंगे कि "मेरा भारत महान है"।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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