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Friday, January 18, 2019

स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से चल रहे स्वास्थ केंद्र राम भरोसे

इलाज के नाम से वसूली जाती है मोटी रकम और पूरी जानकारी होने के बाद भी मुख्यचिकित्सा अधिकारी नही करते कोई कार्यवाही

रायबरेली ।।जनपद के डीह थाने का मामला सामने आया है गर्भपात करना और करवाना दोनों ही अपराध है या कानूनी दस्तावेजों तक ही सीमित है जमीनी स्तर पर इस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही रायबरेली जिले के डीह थाना क्षेत्र में गर्भपात से जुड़ा एक मामला प्रकाश में आया है दरअसल पूरे सुरजीत मजरे जगदीशपुर निवासी विजय शंकर का आरोप है कि वह अपनी पत्नी सरिता को चेकअप के लिए डीह के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा और वहां पर तैनात एएनएम प्रभादेवी से परामर्श लिया उसने 4 माह की गर्भवती महिला की प्रेगनेंसी डैमेज हो जाने की गर्भवती महिला को जानकारी दी।दरअसल खाऊ कमाऊ नीति के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस समय भ्रष्टाचारियों का अड्डा सा बन गए एएनएम द्वारा बताएं गई बातें को महिला ने अपने पति से बताया जिसके बाद गर्भवती महिला के पति ने  गर्भपात कराने के लिए बातचीत की तो एएनएम ने गर्भपात करने के एवज में पाच हज़ार की मांग कर डाली जोड़ तोड़ के बाद सौदा ₹4000 में तय हो गया गर्भपात होने के बाद महिला की ब्लडिंग नहीं रुकी तो सरकारी अस्पताल में हुए गर्भपात का भंडाफोड़ हो गया और गर्भपात कराने के एवज में ली गई सुविधा शुल्क का मामला सामने आ गया ए एन एम को शायद यह नहीं मालूम था कि उनके द्वारा की जा रही बातें कैमरे में भी कैद हो गई और बकायदा  इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह एनएम 5000 तो नहीं लेकिन ₹1000 लेना की बात स्वीकार किया है यह तो साफ हो जाता है कि स्वास्थ्य विभाग अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है लेकिन आला अधिकारी के शह पर चल रहे इस गोरखधंधे पर लगाम लग पाती है या नहीं या तो आने वाला समय ही बताएगा।अब जरा जिम्मेदार अधिकारी का बयान भी सुन लीजिए साहब को जानकारी भी है टीम भी गठित कर दी गई लेकिन कार्यवाही के नाम पर रिजल्ट जीरो अगर आप जैसे अधिकारी सारी जानकारी होने के बावजूद इन भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कार्यवाही नहीं करेंगे तो तो साहब मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कुर्सी पर बैठने का भी आपको अधिकार नहीं स्वास्थ विभाग की कमान संभाल रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात डी के सिंह के इस बयान से इनके महतो को और बल मिलेगा क्योंकि कार्यवाही तो आप भी जानते हैं कि कागजों पर ही होती है अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं या तो देखने वाली बात होगी

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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