रिपोर्ट : कश्मीर सिंह
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
फिरोजाबाद। यूपीएससी की आईएएस परीक्षा को क्रैक करने का सपना तो, सभी अभ्यर्थी देखते हैं। लेकिन, सफलता हर किसी को नहीं मिलती है। इसके लिए ज्यादातर कैंडिडेट्स अच्छी खासी धनराशि खर्च कर कोचिंग सेंटरों पर आईएएस की तैयारी करते हुए देखे जा सकते हैं। लेकिन, ऐसे परीक्षार्थी बहुत कम होते हैं जो, बिना कोचिंग किए महज 7 से 8 घंटे तक सेल्फ स्टडी की मदद से इस परीक्षा को क्रैक कर लेते हैं। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2024 के अवसर पर आज हम आपको बुंदेलखंड की ऐतिहासिक नगरी झांसी की रहने वाली ऐसी ही एक बेटी के सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसने, अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर एक नया मुकाम हासिल करते हुए बिना कोचिंग किए सिर्फ, 7 से 8 घंटे तक सेल्फ स्टडी की मदद से आईएएस परीक्षा पास की। जी, हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का कार्यभार देख रही व आईएएस अधिकारी कृति राज की। उन्होंने जुलाई 2019 से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरु की थी और नारी सशक्तीकरण का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए वर्ष 2020 में न सिर्फ, कठिन परिस्थितियों में कोविड व कर्फ्यू के बीच यूपीएससी परीक्षा में सफलता का परचम लहराया। बल्कि, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनने के बाद एक दिन तमाम तमाशबीनों के बीच में पहुंचकर दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायलों को "गोल्डन ऑवर" में सरकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचाकर मानवता की जीती जागती मिसाल भी पेश की। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कृति राज के इंजीनियर से आईएएस बनने का सफर लाखों युवाओं को प्रेरित कर सकता है। यह विचार मन में आते ही लेखक व जनआधार कल्याण समिति सचिव प्रवीन कुमार शर्मा ने उनकी प्रेरणाप्रद स्टोरी को गहन अध्ययन के बाद लिखना शुरू किया। जिसे, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पब्लिश करते हुए बहुत ही हर्ष हो रहा है। तो, आइए अब और अधिक समय न लेते हुए हम शुरू करते हैं रोचक व दिलचस्प जानकारियों के साथ आज का यह सफर। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी की रहने वाली आईएएस कृति राज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल से की। वे, सिविल सेवा में जाना चाहती थीं। तब, उन्होंने, यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया ताकि, एक आईएएस अधिकारी बनकर वह अधिक से अधिक लोगों की मदद कर सके। उन्होंने, दिल्ली या अन्य कहीं जाने की जगह झांसी में अपने घर पर रहकर ही संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी की। वर्ष 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन प्रीलिम्स भी पास नहीं हो पाईं। पहले दो प्रयासों में जब, मनचाही सफलता नहीं मिली तो, आईएएस अधिकारी बनने के सपने को साकार करने के लिए वे प्रति दिन 7 से 8 घंटे तक सेल्फ स्टडी करती रहीं। यहां तक कि, सर्दी में एग्जाम देने की प्रेक्टिस के लिए वे, अपने हाथों को एकदम ठंडा कर लेती फिर, उनसे लिखती थीं। पढ़ाई का दौर अभी चल ही रहा था कि, वर्ष 2019 के कुछ ही महीनों बाद सम्पूर्ण भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कर्फ्यू जैसे हालात बन गए। कोविड़ 19 की दूसरी लहर के दौरान, कृति राज सहित उनका परिवार कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया। उनकी मां होम क्वारंटाइन और पिता अस्पताल में भर्ती थे। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। माता पिता की देखरेख करने के साथ साथ अपने निर्धारित लक्ष्य व आईएएस बनने के स्वप्न को साकार करने के लिए कोरोना से लड़ते हुए यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। आईएएस कृतिराज अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी मेन्स परीक्षा और इंटरव्यू में रहीं और 24 सितंबर, शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित किए गए फाइनल रिजल्ट में उन्हें ऑल ओवर इंडिया रैंक AIR 106 प्राप्त हुआ। उसके बाद सहारनपुर से आईएएस का प्रशिक्षण प्राप्त किया और वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद की तहसील सदर में कृतिराज ने बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पहली बार कार्य भार संभाला। यूपीएससी इंटरव्यू के पलों को याद करते हुए आईएएस कृति राज बताती हैं कि, लगभग 25 मिनट तक चले इंटरव्यू में उनसे जलवायु परिवर्तन और उनके एनजीओ आदि के विषय में पूछा गया था। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए टिप्स शेयर करते हुए आईएएस कृति राज कहती हैं कि,बेसिक मजबूत करने के लिए स्टैंडर्ड किताबें पढ़नी चाहिए। इसका, रिजल्ट अच्छा मिलता है। प्रतिदिन 7 से 8 घंटे तक सेल्फ स्टडी करके भी वे, बिना किसी कोचिंग के अच्छे नंबरों से सिविल सेवा परीक्षा पास कर सकते हैं और न्यूज़ पेपर पढ़ने व हर चीज को जानने व समझने का फायदा मिलता है।" इसलिए, आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स स्वयं को पहचानें और परीक्षा क्लियर करने के लिए सबसे पहले दैनिक दिनचर्या का समय निर्धारित करते हुए एक टाइम टेबल बनाकर मन लगाकर पढ़ाई करना एवं “इंटरव्यू के दौरान अपने क्षेत्र से जुड़ी हर छोटी-बड़ी चीज की जानकारी होना चाहिए।”
फरिश्ता बनकर बचाई घायलों की जान
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट फिरोजाबाद आईएएस कृति राज को 19 फरवरी 2024, सोमवार को दबरई सिविल लाइन स्थित जिला मुख्यालय के लिए जाते समय कनेटा के पास हाईवे पर तमाशबीनों की भीड़ में घिरे, दर्द से तड़पते हुए दुर्घटना में घायल दो युवक दिखाई दिए। जिन्हें, टीम की सहायता से तत्काल निर्णय लेते हुए अपनी गाड़ी से "गोल्डन ऑवर" में सरकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचाकर मानवता की जीती जागती मिसाल और गुड सेमरिटन के साथ साथ नारी सशक्तीकरण का भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया। साथ ही वहां मौजूद लोगों को नसीहत देते हुए प्रेरित किया कि, वह भी घायलों की मदद के लिए आगे आएं, मदद करने वालों से पुलिस भी अनावश्यक पूछताछ नहीं करती है। इसलिए, गुड सेमरिटन बनें और सदैव यातायात के नियमों का भी पालन करने करें।