रायबरेली। समाजवादी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष मुकेश रस्तोगी ने कहा कि मदर टेरेसा एक महान महिला और ‘‘एक महिला, एक मिशन’’ के रूप में विख्यात थी, जिन्होनें दुनिया बदलने के लिए बड़ा कदम उठाया था। मदर टेरेसा का जन्म आज के ही दिन मेसेडोनिया में हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थीं और गरीब लोगों की सेवा करने को अपने जीवन के मिशन को जारी रखा। कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की उन्होनें भरपूर सेवा की। मदर टेरेसा एक बार अपने किसी दौरे से लौट रहीं थी, वो स्तम्भित हो गयीं और उनका दिल टूट गया, जब उन्होनें कोलकाता के एक झोपड़ी के लोगों का दुःख देखा, इस घटना ने उन्हें बहुत विचलित कर दिया था और इससे कई रातों तक वो सो नहीं पाई, उन्होनें झोपड़ी में दुःख झेल रहे लोगों को सुखी करने के तरीकों के बारे सोचना शुरू कर दिया। अपने सामाजिक प्रतिबंधों के बारे में उन्हें अच्छे से पता था, इसलिए सही पथ-प्रदर्शन और दिशा के लिए वो ईश्वर से प्रार्थना करने लगीं। श्री रस्तोगी ने कहा कि मदर टेरेसा त्याग, दया और प्रतिमूर्ति की जीती-जागती उदाहरण थीं। मदर टेरेसा द्वारा किए गए सेवा कार्य उन्हें सदैव अमर रखेंगे।
रिपोर्ट : जावेद आरिफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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