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Wednesday, July 1, 2020

पीपल वृक्ष लगाएं एवं सृजन करें


अमरपुर काशी,बिलारी।। श्रीमती मीरा अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज अमरपुर काशी के प्रधानाचार्य एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुरादाबाद जनपद सह पर्यावरण प्रमुख पंडित विनोद कुमार मिश्र ने बताया की पीपल के पेड़ का बहुत महत्व है इससे ना केवल धर्म संसार से जोड़ा गया है बल्कि वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद माना गया है इसे अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है पीपल कभी भी पता भी नहीं होता इससे पत्ते झड़ते जाते हैं और नए पत्ते आते रहते हैं पीपल का वानस्पतिक नाम फिकस रिलिजिसा है पीपल की औसतन आयु 150 से 200 वर्ष का जीवनकाल होता है बोधगया बिहार में जहां भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी वह वृक्ष भी पीपल है पीपल से हमें अनेक पर्यावरणीय फायदे हैं जैसे सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ बहुत फायदेमंद होता है दमा के रोगियों के लिए यह आयु बढ़ाने वाला होता है पीपल के पत्तों का प्रयोग कब्ज की समस्या में दवा के तौर पर किया जाता है इसे पित्त नाशक भी माना जाता है वहीं त्वचा पर होने वाली समस्याओं जैसे दाद खाज खुजली में पीपल के पत्तों को खाने का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है तथा पीपल के पके हुए फलों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से बच्चों के हकलाने की समस्या से निजात में मदद होती है तथा शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाने पर पीपल के पत्तों का गर्म लेप लगाने से घाव सूखने में मदद मिलती है पीपल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है इसके पत्तों को नियमित रूप से चबाने पर तनाव में कमी होती है नकसीर फूटने की समस्या होने पर पीपल के ताजे पत्तों को तोड़कर उस का रस निकालकर नाक में डालने से बहुत फायदा होता है हमें बरसात के महीने में धार्मिक स्थल शिव मंदिर चामुंडा मंदिर पवित्र मोक्ष धाम सड़क किनारे खाली पड़ी भूमि नदी किनारे पीपल का पवित्र वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए एवं उसके उचित देखभाल करनी चाहिए शास्त्रों में कहा गया है योगराज भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश देते हुए अर्जुन से कहा था कि वृक्षों में मैं स्वयं पीपल हूं ऐसी मान्यता है शनिवार के दिन पीपल के पत्ते पत्ते में देवता निवास करते हैं इसीलिए हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार पीपल का वृक्ष कांटा नहीं जाता पीपल से 24 घंटे ऑक्सीजन प्राप्त होता है पीपल लगाएं पर्यावरण बचाएं।

राघवेंद्र सक्सेना बीनू ब्यूरो चीफ मुरादाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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