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Saturday, April 4, 2020

जानिए दीपक जलाने के फायदे और 5 अप्रैल को क्या विशेष है ?


रायबरेली।। सनातन धर्म में दीपक की रोशनी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ये अपने तेज प्रकाश से जीवन में रोशनी भर देता है। दीपक का प्रकाश जीवन में सुख समृद्धि भी प्रदान करता है।दीपक जलाने का मतलब होता है कि अपने जीवन में अंधकार हटाकर प्रकाश फैलाना। ऐसा करने से अग्नि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाली कई तरह की परेशानियों से बचाते हैं।कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया। इसमें देशवासियों से अपील करते हुए कहा, इस रविवार 5 अप्रैल को कोरोना के अंधकार को चुनौती देनी है । पीएम मोदी ने 5 अप्रैल को देशवासियों से 9 मिनट मांगे हैं। उन्होंने रविवार रात नौ बजे, नौ मिनट तक घर की बत्तियां बुझाकर कैंडल, दीपक या मोबाइल फ्लैशलाइट जलाने की अपील की । चर्चा होने लगी कि आखिर इसका क्या फायदा होगा

आइए बताते है इसका क्या फायदा होगा ?

एक फायदा तो यह होगा कि जब पूरे देश में नौ मिनट के लिए लाइटें बंद होंगी तो लाखों मेगावाट बिजली की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण को भी थोड़ी राहत मिलेगा।

दीपक जलाने के फायदे:

अगर आप अपने घर में देशी गाय के शुद्ध घी या सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं तो इसके धुएं से घर में नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसके साथ ही घर में सात्विकता आती है। घर में मौजूद बैक्टीरिया भी समाप्त हो जाते हैं।दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने के साथ ही घर का वातावरण संतुलित रहता है।दीपक जलाने का मतलब होता है कि अपने जीवन में अंधकार हटाकर प्रकाश फैलाना। ऐसा करने से अग्नि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाली कई तरह की परेशानियों से बचाते हैं। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होने के साथ ही घर का वातावरण संतुलित रहता है। इससे आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है। नकारात्मक शक्तियां खत्म होती है और इंसान रोगों से दूर रहता है। दीपक जलाने से घर के हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं और दीप ज्योति आरोग्य बनाने में मदद करती है। ऐसा कहा जाता है कि दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मकता आती है। इसके अलावा दीपक की जलती लौ व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देती है। हर रोज पीने के पानी के बर्तन के पास घी का दीपक जलाकर रखने से धन की वृद्धि होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

भगवान शिव के तीन नेत्र है पहला सूर्य दाहिना नेत्र, चंद्रमा वाम नेत्र एवं तीसरा नेत्र अग्नि है। दीपक अग्नि का प्रतीक है।

जिस घर में सुबह और शाम दीपक जलाया जाता है। उस घर के सदस्य अंधकार से उजाले की तरफ बढ़ने लगते हैं। आसपास में उपस्थित शुभ शक्तियां दीपक जलाने से खिंची चली आती हैं। दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-शुभम् करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्।_
शत्रुबुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते।।_

5 अप्रैल को क्या है खास?

इस दिन प्रदोश व्रत और वामन द्वादशी है। द्वादशी तिथि शाम 7 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। इस दिन भगवान वामन की पूजा अराधना की जाती है। भगवान वामन विष्णु जी के 5वें अवतार माने जाते हैं। इसी दिन प्रदोष व्रत भी है। ये व्रत दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। ये तिथि शाम 7 बजकर 24 मिनट के बाद से लग जायेगी। माना जाता है कि इस व्रत को करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

सामूहिक कार्यक्रम से एक देश को एकजुट करने का प्रयास:

दीपक जलाने का मकसद भी ये है कि देश एकजुट हो। तय समय पर जब पूरा देश एक साथ दीये जलाएगा तो एक सामूहिक चेतना जागृत होगी। लॉकडाउन में अपने परिवार के साथ घरों में बंद लोग नौ मिनट के लिए ही सहीं एक जगह पर होंगे। अपने घर से दूसरे घरों के बाहर खड़े लोगों को देख सकेंगे। दूर से ही कुछ बात कर सकते हैं। एकत्व का अनुभव होगा।द्वादशी (5 अप्रैल) को आप भी अपने घरों में देशी गाय के शुद्ध घी या सरसों तेल से दीपक जलाकर इन फायदों के लाभ उठायें।

ज्ञान प्रकाश तिवारी
राष्ट्रीय सचिव
राष्ट्रीय सनातन महासभा भार

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