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Thursday, December 6, 2018

भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस को सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाया गया

बिलारी,मुरादाबाद। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बिलारी इकाई द्वारा नगर के विभिन्न इंटर कॉलेजों में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस को सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाया गया। लक्ष्मण सरस्वती शिशु मंदिर में बिलारी इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा एक विचार गोष्ठी कर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के आदर्शों पर चलने का महत्व समझाया गया। तहसील संयोजक जीतू शर्मा ने कहा कि -भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर की आज पुण्यतिथि है. बाबा साहेब अंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी. आज का दिन ‘महापरिनिर्वाण दिवस' ( Mahaparinirvan Diwas 2018) के रूप में मनाया जाता है. बाबा साहेब के नाम से मशहूर डॉक्‍टर अंबेडकर ने छुआ-छूत और जातिवाद के खात्‍मे के लिए खूब आंदोलन किए. उन्‍होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्‍थान के लिए न्‍योछावर कर दिया. अंबेडकर ने खुद भी उस छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद का सामना किया है, जिसने भारतीय समाज को खोखला बना दिया था, अपने जमाने के वो ऐसे राजनेता थे जो सामाजिक कार्यों में बेहद व्‍यस्त रहते थे लेकिन इसके बावजद वह लिखने-पढ़ने का वक्‍त निकाल ही लेते थे।अंबेडकर की पुण्‍यतिथि के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि उनका सरनेम कैसे सकपाल से अंडेबकर पड़ गया था।

बिलारी ,मुरादाबाद से राघवेंद्र सक्सेना बीनू की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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