अयोध्या (पी एम ए) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को अयोध्या के रामकथा पार्क में दीप प्रज्ज्वलन कर 'जन-जन के राम' शीर्षक रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
अयोध्या से शुरू होने वाला यह रामायण कान्क्लेव 16 शहरों अयोध्या, गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विन्ध्याचल, चित्रकूट, श्रृंगवेरपुर, बिठूर, ललितपुर, गढ़मुक्तेश्वर बिजनौर, गाजियाबाद, बरेली सहारनपुर, मथुरा तथा लखनऊ में आयोजित होगा। कान्क्लेव प्रदेश के चिह्नित इन विभिन्न स्थलों पर दो नवम्बर तक चलेगा। इस दौरान दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित होंगे, जो भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन एवं चरित्र पर आधारित होंगे।
- रामायण कॉन्क्लेव में अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि रामायण में जीवन के उन मूल्यों को समाहित किया गया है जो कि मानवता के लिए जरूरी हैं। रामायण दर्शन के अलावा एक ऐसा ग्रंथ है जो कि हमारे जीवन के हर हिस्से हिस्से के लिए संदेश देती है।
- उन्होंने रामायण की एक चौपाई कोट करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम सभी में हैं और सबके हैं। उन्होंने कहा कि सिया राममय सब जग जानी, करउ प्रणाम जोर जुग पानी। इसका मतलब है कि संपूर्ण जगत के कण-कण में श्रीराम विद्यमान हैं। हमें हर किसी में सियाराम की प्रतिमूर्ति देखनी चाहिए। भगवान श्रीराम हर किसी में हैं और सभी के हैं।
- उन्होंने कहा कि रामायण एक ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादा को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार के लिए यूपी सरकार का यह प्रयास पूरी मानवता के हित में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने अवधी में तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस कि तमाम चौपाइयों का दृष्टांत देते हुए राम और शबरी के प्रेम का अनूठा वर्णन किया। उन्होंने विश्व में राम की तमाम ग्रंथों और मानवता के लिए उनके त्याग, तपस्या और बलिदान को गिनाते हुए कहा कि राम ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ा है।
- उन्होंने भाई से भाई का प्रेम, माता-पिता का प्रेम, पति-पत्नी का प्रेम और मानव के प्रकृति से प्रेम का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। महात्मा गांधी ने प्रभु राम से प्रेरित होकर ही रामराज्य की कल्पना की थी। दक्षिण कोरिया से भारत के रिश्ते गिनाते हुए उन्होंने अयोध्या शोध संस्थान की ओर से रामायण विश्वकोश की पहल की सराहना की। कहा कि रामायण कांक्लेव संपूर्ण विश्व के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
राष्ट्रपति का अयोध्या आगमन सबके लिए सौभाग्य की बात:सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति का अयोध्या आगमन हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। पांच शताब्दी के एक लंबे इंतजार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुकंपा से पांच अगस्त 2020 को श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है।
उन्होंने प्रभु राम का वंदन करते हुए कहा कि राम जन-जन के हैं। वह व्यापक आस्था के प्रतीक हैं। अगर किसी भी नाम के आगे सर्वाधिक शब्द का प्रयोग हुआ है तो वह भगवान राम का नाम है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के नाम का भी जिक्र किया। बोले-राष्ट्रपति के नाम के आगे भी श्रीराम का नाम जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदर्शित करता है कि करोड़ों लोगों की सांस व रोम-रोम में राम बसे हैं। राम के प्रति सनातन आस्था संतों व संघ परिवार के मार्गदर्शन के फलस्वरूप पांच अगस्त 2020 को वह समय आया था जब पीएम नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण का कार्यारंभ किया था।
युगों-युगों तक प्रेरणा देता रहेगा राममंदिर:राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
राममंदिर वास्तव में राष्ट्रमंदिर है जो युगों तक प्रेरणा देता रहेगा: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
रामायण कान्क्लेव के उद्घाटन अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अयोध्या प्राचीन काल से ही संपूर्ण विश्व में विख्यात रही है। राम की जन्मस्थली होने का सौभाग्य भी इस नगर को प्राप्त है। गौरव की बात है कि अवधी साहित्य का लोकप्रिय ग्रंथ रामचरित मानस के लेखन की शुरूआत अयोध्या से ही हुई थी। सांस्कृतिक मानचित्र पर अयोध्या पहला शहर है जहां विभिन्न पंथ के महापुरूष मौजूद रहे हैं। जैन धर्म के आदिदेव ऋषभदेव की भी जन्मस्थली अयोध्या है। उन्होंने कहा कि रामनगरी की लोकप्रियता को पुनःस्थापित करने के लिए प्रदेश एवं केंद्र सरकार प्रयासरत है। दीपोत्सव अंतरराष्ट्रीय आयोजन बन चुका है। मैं भी इसकी साक्षी रही हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने जब राममंदिर का कार्यारंभ किया था तो मैं वहां थी। राममंदिर के शिलान्यास का साक्षी होना गौरव की बात है। राममंदिर वास्तव में राष्ट्र का मंदिर है जो युगों तक प्रेरणा देता रहेगा