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Thursday, March 5, 2020

सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी अतिक्रमणकरी अपनी हरकतों से बाज नहीं


महराजगंज,रायबरेली।। प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी अतिक्रमणकरी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला महराजगंज विकासखंड क्षेत्र के राई मऊ गांव का प्रकाश में आया है। जहां अतिक्रमणकारियों ने शिव मंदिर के चबूतरे के चारों तरफ और मंदिर परिसर में कब्जा कर अपना स्वामित्व बता रहे हैं। आपको बता दें कि, शिव मंदिर विराजमान राई मऊ जनजागरण समिति रजिस्टर्ड रायबरेली के प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा ने उप जिला अधिकारी महराजगंज को एक शिकायती पत्र के माध्यम से कहा है कि, उनकी ग्राम सभा के ग्राम राई मऊ में एकमात्र अति प्राचीन शिव मंदिर है। जिसकी देखरेख पूजा-पाठ व संरक्षण आदि शिव जी मंदिर विराजमान राय मऊ जन जागरण समिति द्वारा किया जा रहा है। परंतु विपक्षीगणों धर्मेंद्र कुमार पुत्र लोधेश्वर, रमेश कुमार पुत्र स्वर्गीय प्रभु दयाल निवासी ग्राम राई मऊ मजरा ओई थाना हरचन्दपुर तहसील महराजगंज जनपद रायबरेली ने अपने कुछ अराजक तत्व मित्रों के साथ मिलकर शिव मंदिर पर अतिक्रमण करके देवस्थान का अपमान कर रहे हैं तथा मंदिर को ध्वस्त कर मंदिर की संपत्ति को हड़पना चाहते हैं। जिससे संपूर्ण ग्राम वासियों की धार्मिक आस्था व भावनाओं को ठेस पहुंच रहा है जिस कारण प्रार्थी व संपूर्ण ग्रामवासी निम्न कार्यवाही का आग्रह करते हैं। शिव मंदिर व परिसर तथा मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर जीर्णोद्धार आदि कराए जाने हेतु शिव मंदिर की भूमि की रेख देख संरक्षण व संचालन हेतु शिव जी मंदिर विराजमान राई मऊ के संरक्षण में शिव जी मंदिर विराजमान राज मऊ जन जागरण समिति रायबरेली को नियुक्त किया जाए। शिव मंदिर समिति के प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा ने एसडीएम विनय कुमार सिंह को दिए गए शिकायती पत्र में शिव मंदिर की भूमि से अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटवा कर अतिक्रमणकारियों द्वारा उक्त भूमि से अर्जित आय को अतिक्रमणकारियों से वसूल कर मंदिर का जीर्णोद्धार कराए जाने की अपील की है। उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम विनय कुमार सिंह ने कहा है कि, पुलिस और राजस्व को जांच सौंप दी गई है। रिपोर्ट आने पर गरिमामय स्थित बहाल की जाएगी।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

बरहन पुलिस को मिली बड़ी सफलता 6 ज्वारी भेजे जेल 10 बाइक की बरामद


आगरा।। मे होली के त्योहार को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार के  निर्देशानुसार जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस चेकिंग अभियान में अवैध शराब ज्वारी सट्टेबाजों पर शिकंजा  कसा जा रहा है।अज्ञात व्यक्ति द्वारा  दी गई सूचना  पर  थाना अध्यक्ष महेश सिंह  की नेतृत्व में थाना बरहन पुलिस  को बड़ी सफलता मिली है। सूचना   के आधार पर थाना बरहन क्षेत्र में जुआ खेला जा रहा है। सूचना पाते ही बरहन पुलिस ने छापा मारा छापे के दौरान 9 बाइक एक एक्टिवा 24400 रूपये  7 मोबाइल फोन विभिन्न विभिन्न कंपनियों के और 6 ज्वारी पकड़े गए जिनके नाम इस प्रकार हैं राजेंद्र सिंह पुत्र लालाराम निवासी रावत कॉलोनी, तिलक सिंह पुत्र महावीर सिंह निवासी नगला खरगा, राजकुमार पुत्र बांके  लाल निवासी नगला राय, राजेंद्र पुत्र सूरजपाल सिंह निवासी घड़ी टिकेट, अनिल कुमार पुत्र नाथूराम निवासी घड़ी टिकेट, प्रमोद कुमार पुत्र नत्थू लाल निवासी शेखपुरा खेरागढ़ है। मौके पर पकड़े गए जुआरियों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है ।इस कार्रवाई को देखते हुए शराबियों चोरों सट्टेबाजों जुआरियों में हड़कंप मच गया है ।जुआ पकड़ने वाली टीम में थाना अध्यक्ष महेश सिंह उपनिरीक्षक जितेंद्र सिंह हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार पवन कुमार सर्वेश कुमार ज्ञानवीर सिंह अखिलेश कुमार रवि कुमार अमरपाल आशीष अरुण कुमार मौजूद रहे काफी समय से थाना बरहन क्षेत्र में हो रही इन घटनाओं  पर लगाम लगाने के लिए बरहन थाना अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गई थी। टीम गठित होने से सट्टेबाजों जुआरी दारूबाज  मैं हड़कंप मच गया है।

योगेश चौहान ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

खड़ी कार में अचानक लगी आग,बड़ा हादसा होते होते बचा


फ़िरोज़ाबाद। जनपद के थाना दक्षिण के स्टेशन रोड के वी मार्ट मॉल के पास खड़ी कार में अचानक आग लग गई ,गाड़ी में आग लगने से भगदड़ मच गयी वही कार में आग के कारण व्यस्तम रोड पर हड़कम्प मचा गया स्थानीय लोगो ने मॉल के पास लगे फायर सिलेंडर से कार की आग बुझाई वही क्षेत्रीय लोगो की सूझबूझ से बड़ा हादसा होते होते बचा।

सौरभ अग्रवाल ब्यूरो चीफ फिरोजाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

राम कथा से दूर होती है सभी व्यथा-जगद्गुरू


रायबरेली। रिफार्म क्लब में चल रहे तीन दिवसीय आध्यामिक पर्व मानस संत सम्मेलन के पूर्णांहुति दिवस पर जगद्गुरू श्रीश्री 108 स्वामी रामस्वरूपाचार्य चित्रकूट मध्य प्रदेश ने अपने प्रवचन के माध्यम से सुधी श्रोताओं को बताया कि राम नाम से बढ़कर राम की कथा है। राम की कथा विरह, वियोग का समाधान भी है। माता जानकी जब लंका के अशोक वाटिका में थी तो कहती थी कि राक्षसी त्रिजटा से कहती थी कि माँ मेरे लिए लकड़ी लाकर चिता बनाओं मैं उसमें अपने को भस्म कर लूंगी। राम का नाम जीवन तो दे सकता है परन्तु व्यथा को खत्म श्री राम कथा ही कर सकता है। हनुमान जी जब अशोक वाटिका में पहुॅचे तो माता जानकी को विरह करते सुना और मौका पाकर राम की कथा सुनाई तब माता जानकी को व्यथा से मुक्ति मिली। इसी प्रकार 14 वर्ष का वनवास खत्म होने के पश्चात भगवान श्री राम को अयोध्या पहुॅचने में हो रहे विलम्ब से भरत जी भैय्या राम के न आने से व्यथित हो गये थे, और अपना जीवन त्यागने के लिए बार-बार कह रहे थे। भगवान राम पहुॅचने में विलम्ब होने के कारण अपने दूत हनुमान के भरत के पास भेजा कि हनुमान तुममें ही यह क्षमता है कि तुम भरत को संभाल सकों। हनुमान जी भरत के पास पहुॅचे और उनकी विरह की स्थिति देखकर साथ ही प्रतीक्षारत हजारों नर-नारियों को देखकर जब भरत जी के पास पहुॅचे तो भरत जी और भी निराश हो गये और इस जीवन को त्यागनें के लिए प्रयासरत देखकर हनुमान जी ने कहा कि आप जीवन का त्याग क्यों करेंगे भगवान तो आ गये है। भरत जी ने कहा हनुमान तुम मुझे बातों में न उलझाओं हनुमान ने अपना हृदय चीर कर भरत को भगवान के दर्शन कराये। भरत हनुमान के गले लग गये परन्तु उपस्थित नर-नारियों ने कहाकि राम के दूत से गले मिलने से क्या राम से गले मिलना हेगा। इस संवाद को सुनने के कुछ ही देर बाद भगवान राम वहॉ वापस आ गये। लोग उनसे मिलने के लिए भाव विवल थे। सब को देखने के बाद जब माता केकई को नहीं देखा तो भगवान वहॉ रूके नहीं माता केकई के पास पहुॅचे  जो अपने निरस्कार की स्थिति से गुजर रही थी। 14 वर्ष तक किसी ने उन्हें महल के बाहर नहीं देखा। राम वहॉ पहुॅचकर माता को दण्डवत किया, आशीर्वाद मांगा और भरत की गलतियों के लिए क्षमा याचना की। माता ने कहा कि भरत आकर यदि माँ कह कर क्षमा मांगता है तो मैं उसे क्षमा कर दूंगी। भरत जी को बुलाया गया आने के बाद व बाहर ही दण्डवत करके खड़े हो गये। भगवान ने उन्हें कहा कि आओं तब भगवान राम माता केकई के गोद में बैठ गये और उन्होने भरत को कहा कि भरत मैं कहा बैठा हूॅ भरत ने उत्तर दिया आप अपने माँ की गोद में बैठे है। यह सुनकर माता केकई ने कहा कि मैने कहा था वह मुझे माँ  नहीं कहेगा। लेकिन भरत महात्मा है उसकी बात सारे जहाँ के लोग विश्वास करेंगे। और राम तुम परमात्मा हो यह दुनिया जानती है। मेरा सौभाग्य है कि भरत के मुख से मुझे कहा गया कि मैं राम की माँ हूॅ। यानि मैं महात्मा और परमात्मा दोने की माँ हूॅ। इस प्रकार गुरू जी ने कहा कि भाई-भाई सम्पत्ति के लिए बल्कि विपत्ति के लिए होना चाहिए। राम की कथा से दूसरे का सम्मान करने की प्रेरणा प्राप्त होती है। पश्चात भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ जानकी जी के तीनों माताओं ने राजरानी के रूप में सजाया व संवारा गया। इस तरह तीन दिवसीय मानस संत सम्मेलन मंगलवार को अगले वर्ष के लिए विश्राम पर चला गया। जगद्गुरू के आने के पूर्व श्री तुलसी किंकर जी व भजनों पदेशकर राम प्रकाश जी ने भावपूर्ण से भजन सुनाया जगदगुरू के आगमन पर पादुका पूजन पं0 देवी प्रसाद पाण्डेय द्वारा कराया गया। जगद्गुरू का समिति के पदाधिकारियों व गणमान्य नागरिकों द्वारा मार्ल्यापण कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया गया। इस अवसर पर उमेश सिकरिया,  सुरेन्द्र कुमार शुक्ल ‘मन्टू’, राकेश तिवारी, राधेश्याम कर्ण, राकेश कक्कड़, गोपाल श्रीवास्तव, डा0 तारा जायसवाल, राघवेन्द्र द्विवेदी, राजबहादुर सिंह, सुक्खू लाल चांदवानी, स्वामी ज्योर्तिमयानन्द जी महाराज, अतुल भार्गव, करूणा शंकर त्रिपाठी, ललित बाजपेयी, महेन्द्र अग्रवाल, शंकर लाल गुप्ता, आशीष त्रिपाठी, प्रेम नारायण द्विवेदी, शिवमनोहर पाण्डेय, राजेन्द्र अवस्थी, मिलिंद द्विवेदी, राघव मुरारका एवं जगमोहनेश्वर धाम कमेटी के सदस्य गण एवं बड़ी संख्या में भक्तश्रोतागण उपस्थित रहे। 

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

महाराजगंज के जाम की समस्या को लेकर एसडीएम ने दिये निर्देश


रायबरेली।। जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने उपजिलाधिकारी महाराजगंज को कस्बे के मार्गो पर जाम की समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिये थे। उपजिधाधिकारी महाराजगंज ने निर्देश को संज्ञान में लेते हुए प्रभारी/थानाध्यक्ष महाराजगंज एवं अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत महराजगंज को निर्देश दिये थे कि पुलिस चौकी चौराहे व आस-पास के क्षेत्र पर जाम लगने की समस्या के निस्तारण के लिए टैम्पों, टैक्सी व सरकारी बसों का ठहराव व्यस्त मार्केट से दूर के स्थान पर चिन्हित किए जाने को कहा गया था जिसके अन्तर्गत इन्हौना तिराहे के पास, ईदगाह हैदरगढ़ रायबरेली मार्ग के आस-पास व वर्मा राइस मिल के आगे किसी सुलभ स्थान को आटो/बस संचालकों को अपने वाहन खड़े कर सवारियों को बिठाने हेतु चिन्हित करें। आटो/बस संचालकों की एक बैठक कर नवीन व्यस्था से अवग करा दें 8 मार्च 2020 के पश्चात कोई भी व्यवसायिक वाहन सवारिं को बैठाने के लिए उन नवीन चिन्हित स्थानों के अतिरिक्त अपने वाहनों को नहीं खड़ा करेगा। उल्लघंन करने वालों पर सुसंगत धाराओं में कार्यवाही कर दी जाये।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

एमसीएफ मे सात दिवसीय राष्ट्रीय संरक्षा सप्ताह का कार्यक्रम प्रारम्भ

संरक्षा बुलेटिन पुस्तिका का हुआ विमोचन


लालगंज,रायबरेली।। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना, रायबरेली में 4 मार्च से 10 मार्च 2020 तक राष्ट्रीय संरक्षा सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।राष्ट्रीय संरक्षा सप्ताह का शुभारंभ आरेडिका प्रशासनिक भवन के मुख्य सभागार मे महाप्रबंधक विनय मोहन श्रीवास्तव के द्वारा संरक्षा शपथ के साथ किया गया। इस अवसर पर प्रशासनिक भवन के मुख्य सभागार में संरक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया गया जहाँ महाप्रबंधक विनय मोहन श्रीवास्तव के द्वारा आरेडिका के द्वितीय संरक्षा बुलेटिन का विमोचन किया गया।इस कार्यक्रम के दौरान महाप्रबंधक ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यस्थल पर संरक्षा एवं कर्मचारियों की संरक्षा सर्वोपरि है और हमेशा सर्तक कर्मचारी ही दुर्घटना मुक्त वातावरण बनाता है। उन्होंने पर्यवेक्षकों का आवह्मन किया कि वे कार्यस्थल पर संरक्षा का विशेष ध्यान रखें और संरक्षा मुक्त कार्यशैली को अपनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाऐ, ना सिर्फ वित्तिय नुकसान पहुँचाती है, बल्कि इससे प्रभावित होने वाले
कर्मचारियों को कई बार स्थाई रुप से अपंग कर देती है, जो कि बहुत ही दुखद होता है । अतः कार्यस्थल पर संरक्षा का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है। राष्ट्रीय संरक्षा सप्ताह के दौरान  कारखाना के विभिन्न कायशालाओं में कर्मचारियों के बीच संरक्षा संबधी प्रतियोगिता, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की उपयोगिता तथा अग्निशमन प्रणाली के प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इस संरक्षा सप्ताह के समापन पर विजेताओं को पुरस्कृृत किया जायेगा। इस अवसर पर आरेडिका के पीसीएमई अनूप कुमार, सीएओ आलोक कुमार, पीएफए आर.के. मनोचा, पीसीएमएम पी.एन. पाण्डेय, पीसीई आर. बी. यादव, सीपीई अनिल कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।राष्ट्रीय संरक्षा सप्ताह मनाये जाने की जानकारी एमसीएफ के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह के द्वारा दी गयी है।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

यात्रा के दौरान दो लोग जहरखुरानी के शिकार


लालगंज,रायबरेली । जनपद के लालगंज रेलवे स्टेशन पर उस समय अफरा तफरी मच गई जब दो लोग ट्रेन से   यात्रा के दौरान जहरखुरानी का शिकार हो गए। आपको बता दे कि अटौरा निवासी शेर बहादुर व प्रतापगढ़ के कुंडा निवासी भरतलाल दिल्ली में काम करते है और होली के त्योहार को नजदीक देख दोनों अपने घर कल रात ट्रेन से वापस आ रहे थे। आज जब वो लालगंज रेलवे स्टेशन पहुचे तो दोनों को बेहोशी की हालत में  लोगो ने देखा तो रेलवे पुलिस को सूचना दी गई  मौके पर पहुची पुलिस ने दोनों को इलाज़ के लिए सीएचसी लालगंज भिजवाया जंहा दोनों का इलाज़  किया जा रहा है। वही डॉ आर के तिवारी ने बताया कि फिलहाल इलाज़ जारी है अगर गंभीर हालत बनेगे तो रेफर कर दिया जाएगा।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

सुरक्षित जमीन खाली करवाने के लिए ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की शिकायत


महराजगंज रायबरेली।। ज़िले की तेज तर्रार जिला अधिकारी सुभ्रा सक्सेना सुरक्षित जमीनों को खाली करवाने हेतु एक बड़ा अभियान चला रही तो वहीं महराजगंज के हैदरगढ़ मार्ग पर 2 बीघे बैनामा और 4 बीघे पर कब्जा जिस पर सुरक्षित जमीन का भी होना पाया गया उस पर तहसील प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा यह बात संपूर्ण क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है क्या जिला अधिकारी के आगे तहसील के राजस्व कर्मी की पहुंच ज्यादा है या फिर जिलाधिकारी को गुमराह करने का काम कर रहे हैं जहां प्रदेश की योगी सरकार  भू माफिया पर  शिकंजा कस रही है  तो वही जिलाधिकारी सुभ्रा सक्सेना को दिए गए शिकायती पत्र में पाली गांव के ग्रामीणों ने कहा है कि महराजगंज तहसील  परिसर से 500 मीटर की दूरी पर भूमाफिया सुरक्षित जमीन पर दबंगई से कर रहे हैं कबजा मीडिया में तमाम दिनों से सुर्खियां बटोर रही चर्चित जमीन जिसके कर्ताधर्ता सरदार रणजीत सिंह मोगा है जो इस भूमि का बैनामा धारक होने का दावा करते हैं यह भूमि पहले सीलिंग की जमीन थी फिर बैनामा हुई फिर धूमधरी हो गई गाटा संख्या 913 गाटा संख्या 914 गाटा संख्या 919 जिसमें कालीदीन 13 बिस्वा सरवन और अर्जुन की लगभग 1 बीघा जमीन रामदेव रामजीवन रामकरन की जमीन मिलाकर लगभग 2 बीघे का बैनामा हुआ उक्त जमीन के बगल में 57 बिस्वा ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन है इसी जमीन से सरदार रंजीत सिंह मोगा का खेल शुरू होता है 2 बीघे जमीन की आड़ में ब्लॉक मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर सरदार रणजीत सिंह मोगा जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग कर रहे हैं अब इतना बड़ा खेल बगैर प्रशासन की जानकारी के हो रहा है यह बात बड़ी हास्यप्रद नजर आती है अब जो भी लोग प्लाट खरीदेंगे उनके ऊपर भी कार्रवाई की तलवार लटकती रहेगी सरदार रणजीत सिंह मोगा तो माल दबा कर निकल लेंगे रह जाएंगे तो उक्त जमीन में पैसा लगाने वाले लोग आज तहसील दिवस पर डीएम को एक शिकायती पत्र सौंपा गया अब यह देखना दिलचस्प होगा डीएम साहिबा इस भूमाफिया के मकड़जाल को तोड़ पाती है या सरदार रणजीत सिंह अपने मंसूबों में कामयाब हो जाएंगे यही यक्ष प्रश्न खड़ा है देखें इस प्रश्न का क्या हश्र होता है।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

निरीह जानवरों की तश्करी करने वाले तीन को रंगे हाथ पूलिस ने धर दबोचा

     


कानपुर । महाराज पुर पूलिस बिना समय गँवाए थानाध्यक्ष मुकेश सोलंकी के नेर्तित्व मे थाना क्षेत्र के जंगल मे छापा मारा मुखबिर की सटीक सूचना पर अमल करना उन बैलों की जान बचा गया जिनको जिबह करने के लिए पेड से बाँध रक्खा था। पकडा गया हाथीपुर  निवासी राजू,टैनी,बबलू, दीपू कुरील पर पुलिस ने जानवरो को क्रूरता से मारने मांस की तश्करी करने जैसे गम्भीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर लाकप मे डाल दिया है।  

विकास कुमार जिला क्राइम संवाददाता कानपुर
अक्रास टाइम्स हिंदी समाचार पत्र 

जबाली रिषी के नाम पर जबलपुर शहर का हुआ था नामकरण




जबलपुर। किसी भी स्थान का नामकरण कुछ ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों के नाम पर रक्खा जाता रहा ऐसा ही जबलपुर का इतिहास उतना ही पुराना है,  जितना कि धर्मनगरी काशी, पाटलीपुत्र, मगध आदि व  अन्य ऐतिहासिक नगरों का है। पौराणिक आधार पर देखें तो भृगु ऋषि की तपस्या स्थली भेड़ाघाट और प्रकृतिवादी कथित जाबाली ऋषि का नाम जबलपुर से जुड़ा हुआ है। बताते चले तीन सौ इकीस ईसा पूर्व  चन्द्रगुप्त मौर्य ने जब मगध के राजा नंद को पराजित किया तब उनका राज्य नर्मदा के तट तक फैला हुआ था। जबलपुर नगरी कभी गढ़ा गोंडवाना, तो कभी त्रिपुरी के नाम से जानी जाती रही है। यहां कई कलचुरी राजा हुए, जिन्होंने हिमालय से लेकर सागर के तट तक समस्त राज सत्ताओं को त्रिपुरी के अधीन कर दिया था।इनका था जबलपुर से संबंध, मिलता हैं शिला लेख273 ईसा पूर्व में सम्राट अशोक ने बहोरीबंद के निकट रूपनाथ में अपना 256 वां पड़ाव डाला था। यहां लगे एक शिलालेख में सम्राट अशोक ने लिखवाया था कि परिम से नीचे से नीचा व्यक्ति भी ऊंचा स्थान पा सकता है। ईसा पूर्व 94 में जब मौर्य वंश का अवसान हुआ, तब उनसे जो जनपद अलग हुए उनमें त्रिपुरी का भी उल्लेख है।त्रिपुरी में कलचुरि वंश ने शासन की शुरूआत सन्‌ 249 से की।कलचुरी वंश अपने को सहस्त्रार्जुन का वंशज बताता है, जिन्होंने लंकापति रावण को बांधकर रखा था। कलचुरियों की राजधानी भेड़ाघाट रोड स्थित तेवर रही। इनका शासन करीब एक हजार साल तक चला। सन्‌ 875 में कोकल्यदेव राजा हुए। कलचुरी काल में राजा लक्ष्मण राज का शासन 950 में रहा, जिन्होंने अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार पूर्व से लेकर पश्चिम के समुद्र तट तक किया। सन्‌ 1019 में गांगेयदेव ने राज्य की सीमाओं को बढ़ाते हुए दक्षिण में कर्नाटक और उत्तर में समूचे उत्तर भारत तक बढ़ाया। गांगेयदेव की वीरता नेपाल जा तक पहुंची थी। 1030 में जब अरबी विद्वानअलबरूनी आया, तब उसने गांगेयदेव की वीरता का बखान अपनी पुस्तक में किया था। 1041में गांगेयदेव का लड़का कर्णदेव गद्दी पर बैठा, जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के तीन हिस्सों तक अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार किया। कर्णदेव ने दक्षिण के चोल, पांड्य, मालावार के मुरलो, कोयम्बटूर के कुंग, कांगड़े के कीर, पंजाब के हूण, मालवा के भोज जैसे अनेक राजाओं को त्रिपुरी की सत्ता के अधीन किया।आज भी मौजूद हैं इस वंश की निशानियांकलचुरी काल में शिल्पकला को विशेष महत्व दिया गया। तेवर, हथियागढ़, भेड़ाघाट में चौसठ योगिनी मंदिर एवं वरेश्वर शिव की प्रतिमा, अमर कंटक का केशव नारायण मंदिर, गोपालपुर के मंदिर, कटनी बिलहरी, रूपनाथ,नोहाटा, कारीतलाई, काशी का कर्णमेरू मंदिर जैसे स्थानों पर जितने भी प्राचीन मंदिर व मूर्तियां हैं, वे सभी कलचुरी काल की देन हैं।देश के कई संग्रहालयों में आज  कलचुरि कालीन शिल्पकला धरोहर के रूप में रखी है।      

विश्वास राहतेकर स्टोरी राइटर 
अक्रास टाइम्स हिंदी समाचार पत्र