लखीमपुर खीरी। सड़को पर तेज आवाज में पंजाबी गानों की धुन पर फर्राटा भरती जुड़वाँ ट्रैक्टर ट्रॉली पर पुलिस प्रशासन का शिकंजा न कसना कही न कही मिल प्रशासन से मिलीभगत की ओर भी इशारा करता नजर आता है। गौरतलब है कि सर्दियों के मौसम में मिल चालू होते ही एक तो वैसे ही ट्रैफिक काफी बढ़ जाता है।दूसरा कुछ दूसरों की जान से बेपरवाह किसान दो से तीन ट्रालियों पर गन्ना लादकर हाई बालयूम में संगीत की धुन पर थिरकते हुए जाम लगाने में सोने पर सुहागा का काम तो करते ही है।वहीं आये दिन हादसों की संभावना भी बनी रहती है। हर वर्ष की भांति पिछले वर्ष भी कई लोग इन जुड़वाँ ट्रैक्टर ट्रालियों से मौत की नींद सो चुके हैं।आखिर कब तक यूँही चलता रहेगा।क्या प्रशासन यूँ ही आंख बंद कर हादसों का इंतजार करता रहेगा।नगर की समस्त जनता सब जानती है कि हर वर्ष इन ट्रालियों की वजह से दर्जनों हादसे होते हैं।और पुलिस प्रशासन हादसे के बाद सिर्फ पंचनामा के लिए पहुचती है।अगर प्रशासन पहले ही इन लापरवाह ट्रैक्टर चालको को संज्ञान में लेता है तो इस वर्ष बहुत सी जान जाने से बच सकती है।
लखीमपुर खीरी से शिवेंद्र सिंह सोमवंशी की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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