मोहम्मदी,लखीमपुर खीरी।। जल्दी जाने की ज़िद या कुछ पैसे बचाना ऐसा ही कुछ आप मोहम्मदी से शाहजहांपुर और गोला जाने वाली मैजिक गाड़ियों को देख कर आसानी से उसका आलकन कर सकते हैं एक गाड़ी में 16 से 17 सवारियां ड्राइवर के हाथ में स्टेरिंग और शरीर हवा में उसके बाद हमें जाने की जल्दी और लटक कर जाने को लालायित बेशकीमती अपनी जान के साथ मे परिवार को साथ लेकर जाना आ बैल मुझे मार वाली कहावत और ऊपर लिखी शायरी यहां पूरी तरह सटीक और चरितार्थ नजर आती है। ऐसे वाहनों को प्रातः काल से लेकर देर शाम तक आप देख सकते हैं। मुख्य मार्ग गोला शाहजहांपुर रोड पर हर समय फर्राटा भरते देखने को मिलेंगे डग्गामार वाहन जिन पर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करते है डग्गामार के चालक और हेल्पर कुछ चंद पैसो के लालच में सवारियों को भरते हैं ठूंस ठूंस कर मैजिक गाड़ियों में नियम कानूनों को ताक पर रखा जाता है 8 से 9 सीट की वैध क्षमता वाली इन गाड़ियों में 15 से 20 सवारियां भरा जाना आम बात है कभी-कभी तो 24 से 25 सवारियां तक भरी जाती हैं ऐसे में सवारियां गाड़ी के बाहर तक लटकती रहती है इसी तरह से गोला मोहम्मदी रूट पर भी ऐसे डग्गामार वाहन धड़ल्ले से चलते हैं डग्गामार वाहन नियम और कानून को रखते हैं ठेंगे पर कहीं बीच रोड पर खड़ा कर देते हैं तो कहीं किसी दुकान के सामने लगाकर सबारिया भरते है जाम भी लगता है और आवागमन भी बाधित होता है।कभी-कभी तो सवारियों को लेकर डग्गामार वाहन चालक आपस में भिड़ जाते हैं और सवारियों को पकड़ पकड़ कर वह अपने डग्गामार वाहन के तरफ खींचते हैं वह अपने डग्गामार वाहन की तरफ खींचते हैं ऐसे में महिला सवारियों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है वैसे जितने इन वाहनों के चालक जिम्मेदार है उससे ज्यादा उसमें बैठने वाले भी जिम्मेदार की श्रेणी में आते हैं और जानबूझकर अपनी जान को जोखिम में डालकर जल्दी जाने की ज़िद या कुछ पैसों की लालच में अपने आप को ठूंस ठूंस कर भरने से रोकते भी नहीं कुछ दिन पूर्व पुलिस और प्रशासन के द्वारा शाहजहांपुर गोला मार्ग पर 10 फुट निशान लगाए गए थे कुछ दिन तक नियमों का पालन हुआ परंतु फिर वही ढर्रा देखना है यह डग्गामार वाहन अपनी दिनचर्या में बदलाव लाते हैं या ऐसे ही बेरोक टोट जाम की स्थिति पैदा करते हैं।
दिनेश सिंह सोमवंशी ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र