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Monday, December 25, 2023

आखिर क्यों नही चाहता मां गायत्री इंटर कालेज किसी और स्कूल को अपने इलाके में

रिपोर्ट : जावेद आरिफ
रायबरेली। निजी स्कूलों में आपसी तनाव को कैसे निपटाया जा सकता है। जिसका जीता जागता उदाहरण मां गायत्री इंटर कालेज रालपुर में देखने को मिल रहा है। जिसके प्रबंधक और प्रिंसिपल मिलकर एक स्कूल को बंद करवाने का भरसक कूटनीतिक चाल चल रहे है। जिससे की उनके स्कूल में बच्चो की संख्या बढ़ सके। इसलिए मां गायत्री स्कूल लगातार इस प्रयास में लगा है की किसी तरह यह स्कूल बंद हो सके । जिस स्कूल को बंद करवाने के लिए मां गायत्री स्कूल कुटिल चाले चल रहा है । उसका कसूर सूत्रों के अनुसार केवल इतना है की उसने स्कूल खोल दिया। बच्चों का प्रवेश कर लिया और मान्यता के लिए बोर्ड को अपने समस्त कागजात भेज दिए। बताया तो यह भी जाता है की धनबली प्रबंधक मां गायत्री स्कूल के प्रबंधतंत्र की ही मेहरबानी है की मां गायत्री स्कूल को मान्यता नही मिल पा रही है। इसी का लाभ मां गायत्री स्कूल उठा रहा है। जिसके लिए स्कूल अपना सारा साम, दाम,दण्ड, भेद लगा रहा है । ऐसे किसी भी तरह यह स्कूल बंद हो जाए और इस स्कूल के बच्चे मां की स्कूल में पहुंचने लगे और स्कूल को चांदी ही चांदी हो जाए। शायद इन लोगों ने शिक्षा के मंदिर को एक व्यापार बना लिया है । यही कारण है कि शिक्षा के मंदिर को लोगों ने व्यापार बना दिया है और खुद शिक्षा को अपना प्रतिष्ठान बनाकर बेच रहे हैं। क्योंकि जिस तरह मां गायत्री इंटर कॉलेज लालपुर चाहता है कि उसके क्षेत्र में कोई अन्य विद्यालय ना चल सके। जिससे इनके ही स्कूल की मोटी कमाई हो सके। यह तो सभी भली-भांति जानते हैं कि स्कूल में शिक्षा कितनी होती है और फीस कितनी ली जाती है । साथ ही साथ स्कूल खोलकर सरकार को कैसे लूटा जाता है । इसको भी अभिभावक अच्छी तरह से जानते हैं । लेकिन क्या करें आज का समय यही है कि स्कूल में भले ही शिक्षा और पढ़ाई ना होती हो। लेकिन स्कूल उच्च तकनीक उच्च स्तर का जरूर दिखे। जिससे कि उच्च शिक्षा के नाम पर बच्चों की फीस के  उनके अभिभावक से लिया जा सके।

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