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Friday, May 26, 2017

शिकोहाबाद के चितावली में सपा-भाजपा समर्थक भिड़े


शिकोहाबाद के चितावली में सपा-भाजपा समर्थक भिड़े

दोनों पक्षों को पुलिस लायी थाने

एक ने लगाया लूट का आरोप तो दूसरे ने घर में घुस कर हमला करने का

थाना शिकोहाबाद के गाँव चितावली में चौराहे पर स्थित एक मेडिकल पर एक भाजपाई ने सपा के समर्थक पर 35 हजार रुपये लूटने का आरोप लगाया। तो दूसरे ने अपने घर में घुसकर महिलाओ को छेड़ने का। इस पर दोनों पक्ष भिड़े। पुलिस दोनों पक्षों को थाने लायी इसमें एक वर्तमान प्रधान भी शामिल है। बताया गया है असल में मामला एक स्टे वाली जगह पर दोनों की गाड़ियां खड़ी करने का है। फ़िलहाल पूछताछ जारी है।
कश्मीर सिंह ब्यूरो चीफ फिरोजाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

शौच को गयी किशोरी का शव खेत में पड़ा मिला

शौच को गयी किशोरी का शव खेत में पड़ा मिला

रेप की आशंका-गले व अन्य हिस्सों पर मिले निशान।

थाना टूण्डला क्षेत्र रिठावरी की ठार गड़ी टीकरी निवासी एक 16 वर्षीय किशोरी बीती साय5 अपने घर से शौच को गयी थी। तब से वापस नहीं लौटी। देर रात 12 बजे करीब काफी तलाश करने पर उसका शव एक खेत में पड़ा मिला। गले व  पिछले हिस्से पर निशान शव को पोस्टमार्टम को आज तड़के चार बजे लाये पुलिसकर्मी ने बताये। इससे आशंका जतायी जा रही है उसकी रेप के बाद हत्या की गयी है। वहीँ पुलिस का कहना है पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी|।
कश्मीर सिंह ब्यूरो चीफ फिरोजाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

वर्ग संघर्ष की कहानी है पहल- सुरेश कुमार एकलव्य

साक्षात्कार -
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वर्ग संघर्ष की कहानी है पहल- सुरेश कुमार एकलव्य
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अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र । फिल्म जगत

फिल्म पहल के लेखक और गीतकार सुरेश कुमार एकलव्य का वर्षो से पत्रकारिता से जुड़ाव रहा है। उन्होंने देश के अनेक अखबारो  में  लेखन किया है । पत्रकारिता के दौरान देश भ्रमण से उन्होने भिन्न भिन्न लोगों की जीवनशैली को बहुत करीब से देखा  है । संभवत वह पहल में लोगों की उसी जीवनशैली को पर्दे तक पहुंचाने का माध्यम बने हैं । हमने उनसे पहल के सैट पर मुलाकात की तो वह काफी जोशपूर्ण अंदाज के साथ मिले। हमने कुछ सवाल पूछे तो बहुत ही गंभीरता के साथ उन्होंने हमारे प्रत्येक सवाल का जवाब दिया ।
प्रश्न - पत्रकारिता करते- करते फिल्म लेखन का आइडिया कहां से आया ?
उत्तर - फिल्म लेखन के विषय मे मैने सोचा ही नही था। आज से 20-21 वर्ष पूर्व एक टीवी सीरियल राशि लिखा था। इसमे पंकज बेरी और गुरूषा कपूर ने काम भी किया ।मगर यह टेलीकास्ट नही हो पाया। फिर 2004 के पश्चात मैने सभी प्रकार के लेखन से इतिश्री कर ली । मगर पिछले साल रामसूरत बिंद जी से अचानक संपर्क हुआ। उन्होने एक फिल्म लिखने का प्रस्ताव रखा। वह चाहते थे मै उनके लिए ग्रामीण प्रष्ठभूमि पर एक शशक्त कहानी लिखूं। उन्होने कई सुझाव भी दिये । उसके पश्चात ही पहल लिखी गई ।
प्रश्न - पहल की कहानी के साथ पटकथा फिर गीत । जिम्मेदारी बहुत बढ गई आपकी ?
उत्तर - दरअसल कहानी लिखने के पश्चात अपनी कहानी की लोकेशन देखने की जिम्मेदारी भी मुझे ही दे दी गई । रामसूरत बिंद जी का तर्क था पहल की कहानी के साथ मै अधिक न्याय कर पाऊंगा । मुझे कहानी के अनुरूप पर्याप्त लोकेशन उपलब्ध हो गई तो पटकथा लिखने मे बहुत आसानी हो गई । पटकथा के पश्चात गीत मैने स्वयं तैयार किये। जिनकी सभी ने प्रशंसा की और तय हुआ कि  फिल्म पहल मेरे लिखे गीतों को रखा जायेगा ।
प्रश्न - पहल किस उदेश्य को आगे बढाती है ?
उत्तर - पहल विकसित समाज के बीच  जीवन यापन करने वाले उन लोगों को उदेश्य देती है जिन्हे जीवन का मतलब नही पता है । इस फिल्म की विशेषता यही है कि एक प्रेम कहानी के बीच यह उन कुरीतियों और सामाजिक विराम पर कुठाराघात करती है जो एक स्वस्थ जीवन के बीच मे विरोधाभास पैदा कर रहा है । पहल एक फिल्म होने के साथ साथ एक बहुत बड़ा आन्दोलन भी है। फिल्म प्रदर्शित होने का पश्चात लोग इसे स्वीकार भी करेंगे ।
प्रश्न - पहल अभी से चर्चा में है।आपको कितनी उम्मीदें हैं इस फिल्म से?
उत्तर - हमारी पूरी टीम पहल को लेकर बहुत उत्साहित है । इस फिल्म के लिए हम सभी ने बहुत मेहनत की है । हम चाहते हैं लोग इसे देखे मगर मनोरंजन के लिए नही । इस फिल्म में एक संदेश है । उसका अनुसरण मुश्किल नही । वह परिवर्तन की राह दिखाता है और लोगो मे एक आशा का संचार करता है। फिल्म का नाम पहल रखने का यही कारण है ।
प्रश्न - क्या आगे भी पहल जैसी फिल्म लिखेंगे ?
उत्तर -  पहल जैसी कहानी केवल एक बार लिखी जाती है। भविष्य में और भी फिल्में लिखी जायेगी। मगर जो भी कहानी लिखूंगा दर्शक उनके विषय मे सिनेमाघर से बाहर निकलने पर विचार जरूर करेगा । वह उन्हे कभी नही भूलेगा।
प्रश्न - अपनी  टीम के विषय में कुछ कहना चाहेंगे? 
उत्तर -  मै रामसूरत बिंद जी का आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपनी टीम का हिस्सा बनाया । हमने बेहतर करने का प्रयास किया है । ईश्वर हमारे साथ है। आशा है आने वाले वक्त में हम और भी अच्छी फिल्मे दर्शको  के सामने
लायेंगे ।

आधुनिक समाज को आईना दिखाती है पहल-- राजशेखर साहनी

साक्षात्कार
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आधुनिक समाज को आईना  दिखाती है पहल-- राजशेखर साहनी
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अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र । फिल्म जगत

एकलव्य फिल्मस एंड टेलीविजन मुबंई के बैनर तले निर्मित फिल्म पहल में मुख्य भूमिका राजशेखर साहनी इस फिल्म में अपने किरदार को लेकर काफी उत्साहित है । वह एक लंबे अर्से से थियेटर से जुड़े रहे हैं और उन्होने रंगमंच पर अनेक किरदारों को अपने अभिनय से जीवंत किया है । यह पहला अवसर है जब वह बड़े पर्दे की हिंदी फीचर फिल्म में एक नये रंगरूप में दर्शकों के बीच जा रहें है। वह पहल को अपने लिए बालीवुड फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश द्वार भी मानते हैं । वह इसे अपना सौभाग्य  समझते हैं जो पहली बार ही उन्हे इतना बड़ा अवसर मिला ।
फिल्म पहल के सैट पर हमारे संवाददाता ने राजशेखर साहनी से संपर्क किया तो वह सहर्ष बात करने के लिए तैयार हो गये। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश -
प्रश्न - फिल्म पहल में काम करते हुए कैसा लगा रहा है ?
उत्तर - पहल में करते हुये बड़ा आनंद आया । खास बात यह है कि जिन गांव वालों के बीच रहकर शूटिंग की उनका सहयोग और प्यार कभी नही भूला पाऊंगा । यहां के लोग बहुत ही आवभगत और सरल है । उनसे परेशानी की तो बात दूर बल्कि अगर हमें कोई समस्या आई तो उन्होंने बढ चढ़कर हमारी मदद की। सही मायने मे देखा जाये तो पहल इन लोगों की पहल है और यह इनकी पहचान बनेगी।
प्रश्न - पहल में आपकी भूमिका काफी चर्चा में है। आखिर आप इसमें ऐसी कौनसा अलग किरदार निभा रहे है?
उत्तर - पहल में मेरा किरदार एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट का है। यह बदलाव की कहानी है। यह उन लोगो का प्रतिनिधित्व करती है जिसके विषय में हमारी फिल्म इंडस्ट्री कभी नही सोचती। यह लेखक सुरेश कुमार एकलव्य की एक परिकल्पना जरूर है । मगर जो फिल्म मे दिखाया गया है वह परम सत्य है । पहल की कहानी  वर्तमान सिनेमा को एक दिशा देगी ऐसा हम सब सोच रहे हैं। जो विषय इस फिल्म के माध्यम से उठाये गये हैं यदि उनका  क्रियान्वयन किया जाये तो समाज में बहुत बदलाव आने की संभावना है ।
प्रश्न - क्या पहल एक आर्ट फिल्म है ?
उत्तर - ऐसा किसने कहा। पहल मे  वह सबकुछ है जो एक सफल फिल्म में होना चाहिए । इसमे समाज के लिए बड़ा संदेश है । कामेडी है और रोमांस भी है। पहल बंदिश में बंधी फिल्म नही है। यह मनोरंजन से भरपूर फिल्म भी है। हां यह अलग बात है कि  निर्देशक रामसूरत बिंद का पूरा फोकस उन समस्याओ पर रहा है जिनके लिए पहल का निर्माण हुआ है। फिल्म में रोमांस और कामेडी के दरम्यान बावजूद अपने उद्देश्य से कहीं नहीं भटकती ।यही इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है ।
प्रश्न - फिल्म पहल का प्रोमो कब तक जारी कर रहे हैं ?
उत्तर - हमारा पूरा ध्यान फिल्म पर है। बस अभी कुछ ही दिन का काम शेष रह गया है। हम शीघ्र ही फिल्म से संबंधित कुछ मैटर रिलीज करेंगे। फिलहाल तो हमारा लक्ष्य पहल को समय से पूर्ण करना है। मगर हम किसी को निराश नही करेंगे । पहल का जो भी मैटर जारी होगा वह सभी तक पहुंचेगा ।
प्रश्न - पहल के बाद आपकी भविष्य की क्या योजना है।?
उत्तर - पहल जैसी फिल्म में सदैव अभिनय करना चाहूंगा । यह एक बेहतरीन फिल्म है। बालीवुड के निर्देशक से भी बात चल रही है परन्तु फिलहाल पहल में व्यस्तता के चलते अभी कुछ भी कहना मुमकिन नही है।  मगर अब फिल्म लाइन में प्रवेश हो गया है तो अब इसे ही कर्मभूमि के रूप में स्थापित करने का प्रयास होगा।

पहल मीडिया की चर्चित फिल्म

पहल मीडिया की चर्चित फिल्म
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अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

अपने निर्माण के समय से सर्वाधिक चर्चा बटोर रही एकलव्य फिल्मस एंड टेलीविजन मुबंई की बैनर की फिल्म पहल की शूटिंग का लगभग समापन हो चुका है । इस फिल्म को पूरी तरह आजमगढ में शूट किया गया है । यह पूरे भारत की फिल्म है मगर निर्माण के मामले मे देखा जाये तो यह उत्तर प्रदेश की धरती का चलचित्र है । इस फिल्म को आजमगढ जैसे अत्यंत पिछड़े क्षेत्र के माहौल मे फिल्माया गया है । पहल हर वर्ग के दर्शक को प्रभावित करेगी। इसे वर्तमान भारतीय सिनेमा में बदलाव के एक सफल प्रयास के रूप मे भी देखा जा रहा है। इसकी मुख्य वजह यही है कि जब भारतीय सिनेमा संस्कृति और आम जनजीवन से हटकर आधुनिक सिनेमा की रूपरेखा तैयार कर रहा है ,फिल्म पहल उसकी धारणाओं से अलग तरह की कहानी है। यह फिल्म ग्रामीण पृष्ठभूमि की उन समस्याओ को एक साधारण सी प्रेम कहानी के द्वारा बयां कर देती है जिन्हे देखने के लिए  लोग चश्मा लगाकर गांवों का रूख करते हैं।
निर्माता निर्देशक रामसूरत बिंद द्वारा निर्मित फिल्म पहल उत्तर प्रदेश को एक पंसदीदा फिल्म प्रदेश के रूप में स्थापित करने मे अपनी भूमिका निभाने वाली है। विकास की बाट जोह रहे आजमगढ को पहल के प्रदर्शन के साथ ही फिल्म पटल पर जगह मिल  जायेगी। रामसूरत बिंद के साहस का ही परिणाम है जो एक बड़ी फिल्म   आजमगढ में शूट हो सकी। इसके लिए वह प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा करने से नही चूकते । वह उन गांव वालो के अभूतपूर्व सहयोग से भी गदगद है जिनके बीच रहकर उन्होने पहल की शूटिंग की है। उन्होंने तय किया है कि भविष्य मे अपनी अधिकांश फिल्मों की शूटिंग वह उत्तर प्रदेश मे  ही करेंगे ।फिल्म पहल की मुख्य भूमिका में राजशेखर साहनी जैसे मंझे हुये कलाकार है ।वह फिल्म में एक इंजीनियरिंग छात्र की भूमिका मे है। इसी फिल्म से बालीवुड फिल्म इंडस्ट्री में राजशेखर साहनी की एंट्री भी हो रही है। वह भी इस फिल्म से काफी उत्साहित है । कर्णप्रिय संगीत से सजी फिल्म पहल मीडिया में सर्वाधिक चर्चित फिल्म होने के बावजूद अपने मुख्य विषय को गुप्त रखे हुए है । इसकी कहानी लीक नही हो पाई है और अभी भी फिल्म को लेकर लोगो मे सस्पेंस बरकरार है। फिल्म में सहायक भूमिका निभाने वाले कलाकारो मे सुनील निषाद,  आशा, बुद्धिराम,  आसिफ साहनी, निरूहुआ , प्रगति, सलिल और अजय प्रजापति जैसे कलाकार हैं।रेखा राव ,पंचम निषाद और दीपमाला जैसे गायकी द्वारा गाये गीत फिल्म की कहानी को और तारतम्यता प्रदान करते हैं। फिल्म की कथा पटकथा और गीत सुरेश कुमार एकलव्य द्वारा लिखे गए हैं। मीडिया के माध्यम से फिल्म पहल को अप्रत्याशित रूप से मिली लोकप्रियता अवश्य ही उसे मील का पत्थर साबित करने के लिए पर्याप्त होगी ।

पहल मधुर गीतों वाली फिल्म - रामसूरत बिंद

साक्षात्कार
पहल मधुर गीतों वाली फिल्म - रामसूरत बिंद
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अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र।
पहल केवल संदेशात्मक फिल्म नही है बल्कि इसमे रोमांस,  कामेडी और बहुत ही मधुर संगीत से सजी फिल्म है । आने वाले समय मे इस फिल्म के कई गाने जबरदस्त हिट होंगे । खासतौर पर पहल में हमने जिस आइटम सांग का प्रयोग किया है वह बहुत बड़ा गाना बनने की काबलियत रखता है । इसी फिल्म में शराब जैसे विषय पर लिया गया गीत भी हिट गानों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए माकूल है । संदेशात्मक फिल्म के साथ आप पहल को कर्णप्रिय संगीत वाली फिल्म भी कह सकते हैं ।
एक इंटरव्यू के दौरान पहल के निर्माता निर्देशक रामसूरत बिंद ने यह बातें हमारे संवाददाता से कही । हमने उनसे पूछा - मीडिया में पहल के चर्चित होने का कारण क्या है? तो उन्होंने बिना देरी किये स्पष्ट रूप से कहा कि इस प्रचार के पीछे बड़ी वजह यही है कि हम उत्तर प्रदेश के आजमगढ जैसे पिछड़े इलाके में फिल्म का निर्माण कर रहे हैं , उससे तमाम मीडिया का ध्यान हमारी तरफ आकृष्ट हुआ। जब मीडिया के लोग हम तक पहुंचे तो उन्होंने शूटिंग के कुछ दृश्य को देखकर फिल्म के विषय में आइडिया लगाया। इससे उन्हे लगा कि अवश्य ही पहल एक अलग तरह की फिल्म है । जिसके कारण फिल्म को लेकर मीडिया मे तरह तरह की चर्चाएं प्रारंभ हुई।
क्या पहल के निर्माण में कोई परेशानी भी आई ? हमने सवाल किया।
रामसूरत बिंद - हमें प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिला । प्रशासन हमें प्रोटेक्शन तक देने के लिए भी तैयार था मगर गांव वालो ने जिस प्रकार सहयोगात्मक रवैया दिखाया हमें किसी प्रकार की सुरक्षा की आवश्यकता ही नही पड़ी । यहां के ग्रामीण बहुत मिलनसार और मृदुभाषी स्वभाव वाले हैं । उन्होने पहल की शूटिंग के समय बहुत साथ दिया ।
पहल को कभी तक रिलीज करने जा रहे हैं ?
रामसूरत बिंद - अभी शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है। पोस्ट प्रोडक्शन का काम बाकी रह गया है। हम उम्मीद करते है कि अक्टूबर तक पहल सिनेमाघर में होगी । हम बहुत बेहतर तरीके से एकलव्य फिल्मस एंड टेलीविजन की प्रस्तुत करना चाहते है और अपनी तरफ से कोई कमी भी नही छोड़ना चाहते। इसलिए कुछ अतिरिक्त समय लग जाये तो कोई समस्या नहीं है ।
भविष्य में क्या योजना है ? हमारा सवाल ।
रामसूरत बिंद - हमारी अगली फिल्म  दिसंबर के लगभग शुरू होगी। कहानी पर काम हो रहा है । लेकिन वह फिल्म पहल जैसे विषय से हटकर होगी । हमारी अगली फिल्म पूरी तरह रोमांटिक और थ्रिलर होगी। मगर फिलहाल हमारा पूरा ध्यान पहल पर केंद्रित है ।

पहल के कलाकारो और टीम के साथ कैसा अनुभव रहा ?
रामसूरत बिंद - सभी ने पूरी मेहनत के साथ काम किया है । फिल्म में काम करने वाले कलाकारो ने भी पूरा सहयोग दिया और फिल्म को तय समय में पूरा करके दिखाया । हालांकि इस फिल्म में अधिकांश कलाकार नवोदित है मगर सभी ने बहुत ही अनुशासित तरीके पालन किये । अगली फिल्म में हम पुन कुछ और नई प्रतिभाओं को अवसर देंगे ।

रायबरेली। के थाना खीरो क्षेत्र में महिला के साथ हुई छेड़ छाड़ वा जान से मार देने की धमकी भी मिलीकी

रायबरेली। के थाना खीरो क्षेत्र में महिला के साथ हुई छेड़ छाड़ वा जान से मार देने की धमकी भी मिलीकी
(जावेद आरिफ अक्रॉस टाइम्स न्यूज़)
रायबरेली, खीरो थाना   क्षेत्र  रहने वाली निवासी देव गांव की गीता देवी पत्नी अनिल कुमार ने पुलिस अधिच्चक कार्यालय में शिकायती पत्र दिया जिसमें प्रार्थनी ने बताया कि मेरे ही देवगांव के रहने वाले दल बहादुर पुत्र शीतला गौड़ ने मेरे साथ मारपीट  वा अभात्र्ता की और गाली गलौज ये कहते हुवे की मेरे खिलाफ किसी तरह की कोई कार्येवाही की तो तुम्हे जान से मार देंगे बताते चले की 21,5,2017 को समय लगभक 4 बजे  प्रार्थनी का लड़का विशाल व भतीजा राज वा सोनू गांव के किनारे बकरी चराने गए थे विपक्षीगण ने झूठा आरोप लगाकर कहा कि मेरे खेत में बकरी चली गई है इतने में दोनों पक्षों में गाली गुप्ता व मारपीट होने लगी  जिससे उन्हें गहरी छोटे आई और जब प्रार्थनी बचाने दौड़ी तो उसे भी डंडा लात घूसों से मारा पीटा तथा मुझसे  बुरी नियत से छेड़ छाड़ करने लगे तथा धोती ब्लाउज व पेटीकोट भी फाड़ डाला प्रार्थनी के चिल्लाने पर जान से मार देने की धमकी देते हुए चले गए 24 5: 2017की शाम को 5:00 बजे प्रार्थिनी के दरवाजे पहुंचे अब्द शब्द का प्रयोग करते हुए गाली दिया और कहा कि तुम ने मेरे खिलाफ रिपोर्ट लिखवाया तो तुमको जिंदा नहीं छोडूंगा प्रार्थनी ने अपनी डॉक्टरी भी करवाई जिसकी रिपोर्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खीरो में मौजूद है कार्रवाई ना होने के कारण प्रार्थिनी वा उसके परिवार को जान माल का खतरा बना हुआ है

- मीट व्यापारियों की समस्या को लेकर समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह के नेतृत्व में समस्त मीट व्यापारियों ने उप जिलाधिकारी नागेंद्र कुमार सिंह को एक ज्ञापन सौंपा

मोहम्मदी - मीट व्यापारियों की समस्या को लेकर समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह के नेतृत्व में समस्त मीट व्यापारियों ने उप जिलाधिकारी नागेंद्र कुमार सिंह को एक ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के माध्यम से मीट व्यापारियों ने कहा कि न्यायलय  के आदेश को ध्यान में रखते हुए अगर जल्द ही इस पर निर्णय  न लिया गया  तो हम सभी  मीट के व्यापारी लोग नगर पालिका परिषद का घेराव कर डेरा डालो आंदोलन शुरु करेंगे।  जिला उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में खाने और पहनने  के अधिकार को छीना स जा रहा है ।  मीट क माध्यम से लोगों के व्यापार के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जबकि नगर पालिका परिषद नगर निगम द्वारा ही सलाटर हाउस   की स्थापना की जाती है ऐसे में कार्रवाई नगर पालिका और नगर निगम पर होनी चाहिए उन्होंने कहा इस समझी सोचती नीत के तहत भारतीय जनता पार्टी व्यापारियों के साथ रोजी रोटी छीनने का प्रयास कर रही है और  हमारे किसान लोग खेती के साथ में जानवरों को भी पालते थे आज स्थिति यह है तो उन किसानों के जानवर को  कोई खरीद नही रहा है और गरीब आदमी अपने बचचो की शादी भी नही कर पा रहे हो भाजपा केवल आपसी भाई चारा खत्म करना चाहती है। ज्ञापन देने वालों में नगर अध्यक्ष सगीर ,मो.  अब्बास नकवी,   सरताज , यूनुस कुरैशी अबदुल गफूर मो असलम मो नूर कुरैशी अनीस अहमद मोनिस अनसारी आफताव अहमद मो खालिद मो चमन कुरैशी  मो शारिफ नायाब शफक  सिराज अली फिरोज खासहित भारी संख्या मे लोग उपस्थित रहे ।
दिनेश सिंह सोमवंशी
ब्यूरो चीफ लखिपमुर
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

पहले अभियान के छूटे 2 लाख 29 हजार 374 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य

उन्नाव: मस्तिष्क ज्वर से 1 से 15 वर्ष तक के बच्चों को बचाने के लिए गुरुवार से दूसरी बार जेई टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। अभियान में पहले अभियान के छूटे 2 लाख 29 हजार 374 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 228 टीमें लगाई गई हैं। अभियान लगे कर्मचारियों ने लापरवाही की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।यह जानकारी कार्यकारी मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पत्रकारों से बात करते हुए दी। उन्होंने बताया गुरुवार को जनपद के प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री सिविल लाइंस क्षेत्र के मलिन बस्ती पूरब खेड़ा से अभियान का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के लिए 373 एएनएम लगाई गई हैं। बच्चों को घरों से सत्र स्थल तक लाने के लिए आशाबहू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगाए गए हैं। अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. नरेंद्र ने बताया कि एईएफआई टीमों और मेडिकल किटों का भी प्रबंध कराया गया। प्रभारी चिकित्साधिकारियों को वैक्सीन कोल्डचेन की निगरानी तथा सेक्टर चिकित्साधिकारियों को सत्र स्थलों की निगरानी सौंपी गई है। स्वास्थ्य शिक्षा सूचनाधिकारी लालबहादुर यादव, सीएमएस डॉ एसपी चौधरी मौजूद रहे।
कृष्ण कान्त तिवारी
ब्यूरो चीफ उन्नाव
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

कब्जे की जमीन मे मिलेगा पूरा हक

कब्जे की जमीन मे मिलेगा पूरा हक

उनाव।।प्रदेश सरकार हर वर्ग, सम्प्रदाय की सरकार है। सरकारी जमीनों पर काबिज गरीबों को उनका स्वामित्व देने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद उन्हें उसका प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ताकि गरीबों को कोई परेशान न करे। भूमाफिया को बख्सा नहीं जाएगा। दिव्यांग की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। सरकार किसी को बेघर नहीं करेगी। माह के अंत तक कर्ज माफी की धनराशि किसानों के खाते में आ जायेगी।यह बात प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कही। वह यहां दिव्यांग जनों को उपकरण वितरण करने के कार्यक्रम में भाग लेने आये थे। उन्होंने कहां कि दिव्यांगों की सेवा से ज्यादा परोपकार किसी भी काम में नहीं हो सकता है। उन्होने कहा कि सरकार सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों का रिकार्ड तैयार कराया जा रहा है। खासकर ऐसी जमीने जिन पर भू माफिया का कब्जा है। उनको इससे मुक्त कराया जाएगा और जो गरीब सरकारी भूमि पर काबिज हैं उनको उस भूमि का कागज दिया जाएगा। किसी गरीब को ¨चता करने की जरूरत नहीं। ये गरीबों की सरकार है। इस मौके पर आलोक जायसवाल, रवि ¨सह, कृष्ण शुक्ला, निर्लेश दीक्षित, सरवन तिवारी, राजेंद्र द्विवेदी, अखिलेश गुप्ता, नूतन ¨सह रहे।
कृष्ण कान्त तिवारी
ब्यूरो चीफ उन्नाव
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र