संदेश पिताकी मृत्यु होने पर भृत्युभोज के बहिष्कार का अनूठा उदाहरण पेश किया
आगरा। यादव महासभा के जिलाध्यक्ष बौबी यादव व गोवर्धन सेवा समिति अध्यक्ष व महामंत्री राजू यादव, राकेश यादव जिला सचिव उदयवीर सिंह यादव, ब्रह्म सिंह यादव, राजकुमार ,सहर अध्यक्ष अश्विनी यादव, हरिया यादव, पदम सिंह, रिसाल सिंह, हरिमोहन यादव, राज कुमार, पूरणसिंह, आलोक यादव आदि की उपस्थिति में मृत्यु भोज का वहिष्कार करके शान्ति हवन किया गया। आपको बताते चले कि राजन सिंह यादव व लाखन सिंह यादव के पिता स्व. पूरन सिंह यादव की मृत्यु हो गयी थी। वे अपने की सामाज के अनुसार कुछ लोग तेरहवीं करना चाहते थे। इसकी सूचना गोवर्धन सेवा समिति व यादव महासभा के पदाधिकारियों को मालूम हुई। उन्होंने मृत्यु भोज को सामाजिक बुराई मानते हुए। इस प्रथा को रूकवाया। मृतक के पुत्रों ने इसे सहर्ष स्वीकार करते हुए। शान्ति हवन और हरिकीर्तन कराया।सभी लोंगों ने स्व. पूरन सिंह के चित्र पर मालार्पण किया। उनके पुत्रों ने एक अच्छी मिशाल पेश की। जिलाध्यक्ष बौबी यादव ने बताया कि जिस परिवार में विपदा आई हो, उसके साथ इस संकट की घड़ी में जरूर खड़े हों और तन, मन, धन से सहयोग करें, लेकिन मृतक भोज का बहिष्कार करें।उन्होंने कहा कि ऐसा महाभारत में उल्लेख है कि एक बार महाभारत युद्ध होने को था, अतः श्री कृष्ण ने दुर्योधन के घर जा कर युद्ध करने के लिए संधि करने का आग्रह किया। दुर्योधन द्वारा आग्रह ठुकराए जाने पर श्री कृष्ण को कष्ट हुआ और वह चल पड़े, तो दुर्योधन द्वारा श्री कृष्ण से भोजन करने के आग्रह पर कृष्ण ने कहा कि जब खिलाने वाले और खाने वाले का मन प्रसन्न हो, तभी भोजन करना चाहिए। लेकिन जब खिलाने वाले एवं खाने वालों के दिल में दर्द हो, वेदना हो, ऐसी स्थिति में कदापि भोजन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मृत्युभोज समाज में फैली एक कुरीति है और समाज के लिए अभिशाप भी है, इसका बहिष्कार करना चाहिए।
आगरा से सोनू सिंह की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र