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Sunday, July 11, 2021

पोषण मिशन के तहत कुपोषण दूर करने के नाम पर बाल विकास विभाग में हो रही है करोड़ों की लूट

शाहजहाँपुर। माह नवंबर 2020 से लेकर जून 2021 तक अकेले जनपद शाहजहांपुर में ही कई करोड़ का घोटाला किया जा चुका है कमोवेश यही हाल पूरे उत्तर प्रदेश का है नवजात शिशुओं से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा किशोरियों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोषण मिशन के अंतर्गत जो खाद्यान्न इन पात्रों को वितरण के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दिए जाने के निर्देश थे उसमें बाल विकास विभाग के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी तथा आपूर्ति विभाग ने मिलकर भारी सेंधमारी करते हुए इन लाभार्थियों के हिस्से का राशन भारी मात्रा में उदरस्थ कर लिया शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक माह इन लाभार्थियों को चने की दाल चावल गेहूं तेल देसी घी स्किम्ड मिल्क का वितरण किया जाना था लेकिन भ्रष्टाचारियों ने इसमें भी अपनी कमाई का रास्ता खोज लिया और जहां देहाती क्षेत्रों में समूहों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण आंगनवाड़ी केंद्रों पर पहुंचाना भर था उसमें बाल विकास की मुख्य सेविका विकास विभाग के एडीओ पंचायत तथा स्वयं सहायता समूह ने मिलकर किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र पर खाद्यान्न नहीं पहुंचाया और स्वयं फर्जी वितरण दिखाकर सारा माल बाजार में बेचकर बंदरबांट कर लिया अनेकों बार यह मामला समाचार पत्रों की सुर्खियों में भी छाया रहा किंतु भ्रष्ट अधिकारी तथा आंखें बंद किए हुए सत्ताधारी नेता गणों को कुछ भी दिखाई नहीं पड़ा ग्रामीण क्षेत्रों का सारा माल आज भी लगातार बाजार में ही बेचा जा रहा है और लाभार्थी मारे मारे घूम रहे हैं अब इन भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों की निगाह शहरी परियोजनाओं पर भी पड़ गई है शहरी परियोजनाओं में भी पात्र लाभार्थियों की संख्या के अनुरूप खाद्यान्न न देकर आधा अधूरा खाद्यान्न ही वितरण के लिए आंगनवाड़ी केंद्र पर पहुंचाया गया उसमें भी गेहूं और चावल मात्र माह नवंबर 2020 वह अप्रैल 2021 में ही दिया गया दाल और तेल भी कई महीनों में गायब कर दिया गया स्किम्ड मिल्क और देसी घी मात्र एक माह में ही बांटा गया  महा मई में चने की दाल व सरसों का तेल शाहजहांपुर शहर परियोजना में मात्र 2 दर्जन केंद्रों पर ही पहुंचाया गया बाकी केंद्रों का माल ठेकेदार व अधिकारियों ने मिलकर बाजार में बेच लिया यही नहीं गेहूं जो कि प्रत्येक केंद्र 7:00 से 7:30 क्विंटल तक आपूर्ति विभाग द्वारा दिया गया उसे भी विभागीय कर्मचारियों अधिकारियों ने अपनी मनमानी करते हुए प्रत्येक केंद्र पर अपनी सूची बनाकर मात्र कुछ किलो तक ही वितरण हेतु दिलाया गया बाकी गेहूं और चावल यह भ्रष्टाचारी सब अपने आप घोट गए अब जुलाई माह से एक नया फरमान जारी कर दिया गया चावल और गेहूं आंगनबाड़ी केंद्रों पर ना बैठ कर राशन की दुकान पर लाभार्थियों को लेकर आंगनवाड़ी जाएगी और वहां से माल वितरण किया जाएगा प्रश्न उठता है कि छोटे-छोटे नवजात बच्चे गर्भवती व धात्री माताएं काफी दूर-दराज खुली दुकानों पर आखिर कैसे पहुंचेगी आंगनवाड़ी केंद्र तो हर मोहल्ले में खुले हैं लेकिन राशन की दुकान है कई कई मोहल्ला  छोड़ कर किलोमीटर दूर हैं ऐसे में लाभार्थी वार करते थे इन दुकानों तक पहुंच पाना इस भीषण गर्मी में कैसे संभव है यह नया फंडा इसलिए इजाद किया गया है ताकि लाभार्थी दुकान तक पहुंच ही ना पाए और सारा माल अभिलेखों में फर्जी चढ़ा कर अपनी जेबें गर्म कर ली जा सके योगी जी मात्र योजनाएं बनाने भर से काम नहीं चलने वाला योजनाओं का क्रियान्वयन भ्रष्टाचारियों से छीन कर सही हो तो हमें देख कर कराए जाने से ही जनता प्रभावित होगी जब तक है भ्रष्टाचारी जनता के मुंह की रोटी छीन ते रहेंगे आपकी योजनाएं इसी प्रकार ध्वस्त होती रहेंगी आप विज्ञापनों के माध्यम से भले ही अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन यथार्थ में धरातल पर सत्यता कुछ और ही है गंभीरता पूर्वक बाल विकास विभाग में हो रहे इस खाद्यान्न घोटाले की भौतिक रूप से सत्यापन कराए जाने की आवश्यकता है अन्यथा आपका यह पोषण मिशन महज सरकार की ढपोरशंखी घोषणा भर बनकर रह जाएगी।

रिपोर्ट : रमेश शंकर पाण्डेय
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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