जिला अस्पताल में बनाया गया स्वाइन फ्लू वार्ड
रोग से डरे नहीं सावधानी बरते
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
शाहजहांपुर।। सर्दी के मौसम में स्वाइन फ्लू बीमारी से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के मुखिया डा. आर.पी रावत ने अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि मौसम बदल रहा है यही समय है जब स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा होने का डर रहता है। इस रोग से डरने की जरुरत नहीं है। इससे के लिए सावधानियां बरतने की बहुत ही आवश्यकता है।स्वइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुडी बीमारी है। यह एच1 एन1 नामक वायरस से होती है। यह भी आम फ्लू या सर्दी जुकाम की तरह ही होती है। इसी लिये यह खांसने ,छींकने ,और साँस के माध्यम से एक दुसरे में फैलता है तथा मरीज जिन चीजों के सम्पर्क में आया होगा उनके सम्पर्क में आने से भी बीमारी होने का डर रहता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.पी.रावत ने बताया है कि जनपद में स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में एक स्वाइन फ्लू वार्ड बनाया गया है। जिसमे सभी चिकित्सकों और पैरामेडीकल तथा अन्य कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है । स्वाइन फ्लू के वार्ड में कार्यरत सभी चिकित्सकों और पैरामेडीकल तथा अन्य कार्यकर्ताओं को भी स्वाइन फ्लू से बचाव का टीका लगाया गया है । स्वाइन फ्लू के मरीज का इलाज वही लोग करेगे जिनको पूर्व में इसका टीका दिया जा चुका है ।स्वाइन फ्लू की वैक्सीन राज्य स्तर से जनपद को प्राप्त हो चुकी है ।
स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण
सर्दी जुकाम व नाक से पानी बहना, साँस लेने में तकलीफ होना , गले में खराश का होना, तेज बुखार के साथ सर दर्द और शरीर दर्द होना तथा दस्त या उल्टी का होना आदि। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण पाए जाते है तो क्या करे क्या न करे।
क्या करें
खांसते व छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल से ढ़कें।
नाक, कान ,और मुंह को छूने से पहले एवं बाद में अपने हांथों को साबुन से अच्छी तरह धोंये।
खाना खाने से पहले व बाहर से आने पर अपने हांथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं तथा खाने में अधिक से अधिक मात्रा में तरल और पौष्टिक आहार खाएं।
यदि एच1 एन1 के लक्षणों जैसे बुखार, सर्दी खांसी ,गले में खराश आदि के साथ डायबीटीज, दमा , ह्रदय रोग जैसी बीमारियाँ हो या उम्र दराज लोग शीघ्र ही निकटतम प्राथमिक ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा जिला चिकित्सालय में जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करवाएं।
क्या न करें
शिष्टाचार में हाथ न मिलाएं , गले न मिले तथा अन्य संपर्क बढ़ाने वाले कार्य न करें।
बिना डाक्टर के सलाह के अनुसार कोई दवा न खाएं।
हो सके तो बीमारी के दौरान यात्रा न करें ।
यदि आप का बच्चा जुकाम से, खांसी से पीड़ित है तो उसे स्कूल भेजने से परहेज करें तथा निकटतम प्राथमिक ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं।